कोरोना के मरीजों के आंसुओं से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है।
नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोविड-19 संक्रमण फैलाने वाला एक ऐसा वायरस है जिसने दुनिया भर में तबाही मचाई है। इस वायरस से अब तक पूरी दुनिया में 64 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। भारत में भी 3500 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।
अभी तक कोरोना के फैलने के जितने भी मामले सामने आए हैं उसमें मरीज के छीकने या खांसने को ही जिम्मेदार माना गया है। मुंह और नाक से इस बीमारी के फैलने का सबसे ज्यादा खतरा माना जा रहा है। लेकिन लोगों में धारणा है कि कोरोना के मरीजों की आंखों से भी संक्रमण का खतरा है?
कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच आंसुओं से कोरोना फैलने की खबरों को खारिज करते हुए शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। इस बात की पुष्टि ओफ्थैल्मोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में की गई है।
अध्ययन के अनुसार निष्कर्षों के लिए, सिंगापुर में नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने COVID-19 से संक्रमित 17 रोगियों से आंसू के नमूने एकत्र किए, ये नमूने मरीजों में लक्षण दिखने से 20 दिन तक लिए गए, जब तक की वे ठीक नहीं हो गए।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि आँसू के माध्यम से वायरस के संचरण का जोखिम कम होता है। शोधकर्ताओं ने इसी अवधि के दौरान नाक और गले के पीछे से भी नमूने लिए। अध्ययन में पाया गया है कि इन मरीजों के आंसुओं में वायरस नहीं थे, जबकि उनकी नाक और गले में कोविड 19 का संक्रमण था। वैज्ञानिकों ने सलाह देते हुए कहा है कि लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी आंखों, हाथों और मुंह की रक्षा करें ताकि कोरोनवायरस जैसे श्वसन वायरस के प्रसार को धीमा किया जा सके।
Written By Shahina Noor