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दो वक्त वर्कआउट करना सेहत के लिए है कितना सही? जानें इसके फायदे और नुकसान

अगर आप वर्कआउट शुरु करने जा रहे हैं तो यह जान लेना जरूरी है कि दिन में दो बार वर्कआउट करने से आप उसका फायदा उठाने की जगह नुकसान उठा सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसका सही तरीका।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 08:11 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 08:11 AM (IST)
दो वक्त वर्कआउट करना सेहत के लिए है कितना सही? जानें इसके फायदे और नुकसान
दो वक्त वर्कआउट करना सेहत के लिए है कितना सही? जानें इसके फायदे और नुकसान

क्या आप सुबह-शाम वर्कआउट करते हैं? ज्यादा एक्सरसाइज़ करने से नुकसान भी हो सकता है पर इसके पीछे कई फैक्टर्स होते हैं जैसे आप कौन सी एक्सरसाइज़ेस करते हैं, दिनभर में कितनी फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, वगैरह, जानिए दो वक्त वर्कआउट करने के फायदे और नुकसान...

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कितना सही है ऐसा करना?

लोगों के बीच ऐसी सोच काफी कॉमन है वे जितना वर्कआउट करेंगे, उतने ज्यादा फिट रहेंगे, मगर यहां यह जानना भी बहुत जरूरी है कि कोई भी चीज जरुरत से ज्यादा अच्छी नहीं होती और एक्सरसाइज़ भी इसमें शामिल है। एक्सरसाइज़ हमारी बॉडी को फिट रखने का एक तरीका है पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप रोज दिन के कई घंटे जिम में वर्कआउट करते रहें। आमतौर पर दोनों टाइम वर्कआउट की सलाह एथलीट्स, खिलाड़ियों और पहलवानों को दी जाती है। नॉर्मल लोगों के लिए दोनों टाइम हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

क्या है दो टाइम वर्कआउट करने के नुकसान?

अगर आप नॉर्मली हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ेस या वर्कआउठ करते हैं तो आप दोनों वक्त इन्हें कर सकते हैं। हालांकि अगर आप मेहनत वाली एक्सरसाइज़ करते हैं या हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी बॉडी को नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, आपकी बॉडी ज्यादा मेहनत की आदि नहीं है तो अचानक दिन के कई घंटे वर्कआउट करने के बाद वह 'स्ट्रेस स्टेट' में पहंच जाती है। ऐसी कंडीशन में बॉडी में हार्ट रेट, ब्लड फ्लो और हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ने लगता है। आपको अपनी बॉडी की कैपेसिटी के मुताबिक ही वर्कआउट करना चाहिए।मसल्स में होता है खिंचाव

दोनों टाइम वर्कआउठ करने से कई बार बॉडी इतनी मेहनत नहीं झेल पाती है और मसल्स में खिंचाव या डैमेज हो सकता है, जो एक दर्द भरी और खरतनाक कंडीशन है। इसकी वजह से आपकी बॉडी में लगातार दर्द, चलने-फिरने में परेशानी और वर्कआउट के वक्त तेज दर्द जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है।

कब फायदेमंद होता है यह रूटीन फॉलो करना?

अगर आप वाकई दिन में दो बार अपनी फिटनेस को टाइम देना चाहते हैं तो आपके लिए एक जरूरी टिप यह है कि अपनी वर्कआउट को दिन और रात की कैटेगरी में बांट लें। दिन में आप जिम जाकर अपनी रेगुलर वर्कआउट्स कर सकते हैं, जिसमें कॉर्डियो, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, वेट ट्रेनिंग वगैरह शामिल है जबकि शाम के वक्त आप हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे- पैदल चलना, साइकिल चलाना, स्विमिंग या कोई खेल खेलना वगैरह शामिल कर सकते हैं। इससे आपकी बॉडी एक्टिव भी रहेगी और उसपर एक्स्ट्रा लोड भी नहीं आएगा। 


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