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Chikungunya Precautions: अगर चिकनगुनिया हो गया है, तो क्या-क्या सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं?

Chikungunya Precautionsचिकनगुनिया का मतलब होता है झुक कर चलना। इसमें मरीज़ जोड़ों के दर्द की वजह से झुक कर चलता है। इसके ठीक होने के बाद भी मरीज़ों में जोड़ों का दर्द रहता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 05:06 PM (IST)
Chikungunya Precautions: अगर चिकनगुनिया हो गया है, तो क्या-क्या सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं?
Chikungunya Precautions: अगर चिकनगुनिया हो गया है, तो क्या-क्या सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chikungunya Precautions: चिकनगुनिया वायरस वाले मच्छर के काटने से होने वाले बुखार को चिकनगुनिया कहते हैं। एडीज़ मच्छर के काटने से चिकनगुनिया बुखार हो जाता है। जब आपको कोई मच्छर काटता है तो ये वाइरस आपके खून में प्रवेश कर जाता है और आपके रक्त कोशिकाओं पर प्रभावित करता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और शरीर में कमज़ोरी आ जाती है।

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चिकनगुनिया शब्द मकोंड (Makonde) (या किमकोंड) की भाषा से लिया गया है जो मकोण्डे के पठार पर बोली जाती है जहां इस रोग का जन्म हुआ था। चिकनगुनिया का मतलब होता है 'झुक कर चलना'। इस रोग में मरीज़ जोड़ों के दर्द की वजह से झुक कर चलने लगता है। चिकनगुनिया के ठीक होने के बाद भी कई मरीज़ों में जोड़ों का दर्द काफी समय तक रहता है।

दरअसल, बारिश और ठंड के मौसम में चिकनगुनिया का वायरस तापमान घटते ही हावी हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में चिकनगुनिया विश्व के लगभग एक चौथाई से ज़्यादा देशों में एक बीमारी के रूप में घुसपैठ कर चुका है। चिकनगुनिया रोग एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है, जो मनुष्यों में मच्छर काटने के कारण होता है। निश्चित रूप से यह एक जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन इसके लक्षण बहुत गंभीर, लंबे समय तक चलने वाले और परेशानी देने वाले हो सकते हैं। आमतौर पर चिकनगुनिया एडीज़ मच्छर के काटने से ही होता है, जो पहले से ही किसी मरीज़ को काट चुका हो या वायरस इनफेक्टेड हो। लेकिन कुछ मामलों में चिकनगुनिया किसी संक्रमित व्यक्ति के रक्त के साथ भी स्वस्थ व्यक्ति में ट्रांसमिट हो सकता है। 

एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ. यूएस अग्रवाल के अनुसार तेज़ बुखार आना, कमर और जोड़ों में दर्द होना, कमज़ोरी आना, सर दर्द चिकनगुनिया के कुछ खास लक्षण हैं। चिकनगुनिया के उपचार की दवाई भी अभी तक बन नहीं पायी है। वैसे तो यह बीमारी जानलेवा नहीं है लेकिन लापरवाही बरतने से इस बीमारी से जान भी जा सकती है। 

इसकी रोकथाम करने के लिए हमें मच्छरों से सावधानी बरतनी पड़ेगी। जैसे की दिन में पूरी बांह की कमीज़ और पेंट पहनना, साथ ही मच्छर को भगाने की क्रीम का इस्तेमाल करना, घर और उसके आस-पास सफाई रखना, घर और आसपास ज़्यादा पानी इकट्ठा नहीं होने देना, रात में खुद को अच्छे से ढक कर सोना आदि।

इस बीमारी में मरीज़ को ठीक होने में पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है इसलिए अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी को चिकनगुनिया है तो मेरी सलाह यही है कि अगर यात्रा टाली जा सकती है तो उसे टाल दिया जाना चाहिए, लेकिन अगर यात्रा टाली नहीं जा सकती तो रोकथाम और सजगता से काम लेके इस बीमारी से बचा जा सकता है। रोगी को पूरी यात्रा में अच्छे से ढककर यात्रा करनी चाहिए। बाहर की खाद सामाग्री को जहां तक है उससे दूर रहना चाहिए और बाकी परिवार वालों को भी सावधानी रखनी चाहिए। 


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