जानें क्या है पॉलिसिस्टिक डिज़ीज, इसके लक्षण, बचाव और उपचार
ऐसा माना जाता है कि ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल और सिगरेट के सेवन से किडनी पर असर पड़ता है। हाई बीपी और डायबिटीज़ के मरीजों में किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
साधारण बोलचाल की भाषा जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं, दरअसल वह पॉलिसिस्टिक डिज़ीज ही है। ऐसी स्थिति में किडनी में गांठ सी बन जाती है और धीरे-धीरे उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल और सिगरेट के सेवन से भी किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। अगर इनका सेवन बंद नहीं किया गया तो एक स्थिति ऐसी भी आती है, जब किडनी काम करना बंद कर देती है। हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज़ के मरीजों में किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
लक्षण
पीठ और पेट के निचले हिस्से में दर्द, सिरदर्द, यूटीआइ, हाथ-पैरों और आंखों में सूजन, सांस फूलना, भोजन में अरूचि, पाचन संबंधी गड़बड़ी, खून की कमी, त्वचा की रंगत में कालापन, अनावश्यक कमजोरी, थकान, बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होना, पैरों में दर्द आदि।
उपचार
सबसे पहले यह देखा जाता है कि किडनी ब्लड के फिल्टरेशन का काम सही ढंग से कर पा रही है या नहीं? शुरूआती दौर में दवाओं की मदद से समस्या को नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है। विशेषज्ञ किडनी फेल्योर को पांच अवस्थाओं में विभाजित करते हैं। प्रारंभिक तीन अवस्थाओं में विभाजित करते हैं। प्रारंभिक तीन अवस्थाओं में बीमारी को दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है, चौथे और पांचवें स्टेज में मरीज के लिए डायलिसिस और ट्रांसप्लांट अनिवार्य हो जाता है। अगर किडनी प्रत्यारोपण सफल हो जाए तो भी मरीज को ताउम्र संयमित दिनचर्या और संतुलित खानपान अपनाने की जरूरत होती है।
कुछ जरूरी बातें
* चीनी और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें।
* मैग्नीशियम किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है। इसे प्राप्त करने के लिए अपने भोजन में रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।
* अंडे की सफेदी में मौजूद अमीनो एसिड और फॉस्फोरस भी किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।
* मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड भी किडनी के लिए फायदेमंद होता है।
* लहसुन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व किडनी को दुरुस्त रखते हैं।
* स्ट्रॉबेरी और जामुन भी किडनी के लिए फायदेमंद साबित होता है।
Pic Credit- Freepik