ऑक्सफोर्ड की रिसर्च में दावा, कोरोना से रिकवर होने के बाद लोगों को हो रही है हार्ट और बीपी की समस्या
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च से पता लगा है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में हार्ट अटैक की समस्या भी देखने को मिल रही है। जिसमें ऐसे में जरूरी है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी खास सावधानियां बरती जाएं।
कोरोना संक्रमण से रिकवर हो जाने के बाद भी लोग सेहत संबंधी कई दूसरी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कमजोरी, थकान के बाद अब ब्लैक फंगस की प्रॉब्लम भी देखी जा रही है जिसमें व्यक्ति के आंखों की रोशनी चली जाती है या जान बचाने के लिए आंख निकालनी पड़ जाती है। अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च से पता लगा है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में हार्ट अटैक की समस्या भी देखने को मिल रही है। जिसमें ऐसे में जरूरी है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी खास सावधानियां बरती जाएं। तो आइए जानते हैं इसकी वजहें, लक्षण व बचाव का तरीका।
क्या हैं कारण
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना संक्रमण व्यक्ति के हार्ट पर भी प्रभावित कर रहा है जिस वजह से उसको हार्ट अटैक की आशंका रहती है।
- इतना ही नहीं रिकवर मरीज हाई और लो ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतों का भी सामना कर रहे हैं।
- एक्सपर्ट्स के अनुसार कोविड-19 का संक्रमण शरीर के इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं।
- इसके अलावा हार्ट बीट को भी प्रभावित करता है। इससे खून का थक्का जमने की समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि दरअसल कोरोना से हार्ट की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं।
- हार्ट में इंफ्लेमेशन बढ़ने से ऐसा होता है। इससे हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर की दिक्कत और धड़कन की गति तेज या धीमी होने लगती है।
- इसके अलावा फेफड़ों में खून के थक्के जमने की वजह है हार्ट पर बुरा असर पड़ता है। युवाओं में ये परेशानी ज्याद देखने को मिल रही है।
क्या हैं इसके लक्षण
- मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है।
- दिल की धड़कनें तेज और अनियमित हो जाती है।
- हर वक्त कमजोरी और थकान महसूस होती रहती है।
- पंजे, एड़ी या पैर में सूजन भी आ जाती है।
- हर वक्त खांसी, भूख न लगना और बार-बार पेशाब आना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
- इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिेए।
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