अब समय से पहले कैंसर को पकड़ लेगा यह सस्ता देसी टेस्ट!
पुणे के वैज्ञानिक जयंत खंदारे ने इसे बनाया है ये उपकरण उपचार की योजना बनाने या हो रहे इलाज का आकलन करने में उपयोगी साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अब जल्द ही डॉक्टर एक 15,000 रुपये के सिम्पल ब्लड टेस्ट से पता लगा पाएंगे की रोगी के शरीर में कैंसर कितना फैला है या उसके रीलेप्स यानी दोबारा होने के कितने आसार हैं। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टरों को एक कुशल उपचार मॉड्यूल की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
यह टेस्ट, ऑनकोडिस्कवर (OncoDiscover) नाम की एक तरल बायोप्सी तकनीक पर आधारित है। ये परीक्षण के दौरान एक मरीज के रक्त में घूम रहे कैंसर कोशिकाओं को लेने में मदद करेगा, इससे पहले कि वे शरीर को नुकसान पहुंचाएं या शरीर के अन्य भागों में फैलें।
पुणे के इस वैज्ञानिक ने किया है तैयार
पुणे के वैज्ञानिक जयंत खंदारे ने इसे बनाया है, ये उपकरण उपचार की योजना बनाने या हो रहे इलाज का आकलन करने में उपयोगी साबित हो सकता है। ये टेस्ट किट इस साल सितंबर में पूरे भारत में लॉन्च होगा। खास बात ये है कि ये टेस्ट किट अमेरिका में मिल रहे किट से काफी सस्ती होगी। भारत में लॉन्च होने के बाद इसे ग्लोबल लेवेल पर भी लॉन्च करने की योजना है।
बीमारी पर पूरी नज़र रखेगा यह टेस्ट
लिक्विड बायॉप्सी पर आधारित ऑन्कोडिस्कवर की मदद से बीमारी शरीर में किस तरह के बढ़ रही है इस पर नियमित रूप से नजर रखी जा सकती है। साथ ही इस टेस्ट की मदद से कैंसर की दोबारा वापसी हो रही है या नहीं इसकी भी जानकारी शुरुआती स्टेज में ही मिल जाती है। यह एक ऐसा ब्लड टेस्ट है जिसमें मरीज के खून में सर्कुलेट हो रहे ट्यूमर सेल्स का पता तभी चल जाता है जब उनकी मौजूदगी बेहद कम मात्रा में होती है।
अमेरिकी टेस्ट किट से सस्ता है यह भारतीय टेस्ट किट
ड्रग्स ऐंड मेडिकल डिवाइसेज की रेग्युलेटरी बॉडी द सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, ने इस टेस्ट किट का भारत में उत्पादन करने के लिए लाइसेंस पहले ही दे दिया है। इस टेक्नॉलजी का भारतीय वर्जन बेहद सस्ता है और अमेरिकी वर्जन की तुलना में बेहद कारगर भी है। अमेरिका में मिलने वाले इस टेस्ट किट की कीमत 84 हजार रुपये से 1 लाख रुपये के बीच है। यहां तक कि यह भारत में उपलब्ध भी नहीं है। जबकी ऑनकोडिस्कवर की कीमत सिर्फ 15 हजार रुपये है।