Anaemia More Likely To Transmit Dengue: जहां लोगों के खून में होती है ये कमी, वहां तेज़ी से फैलता है डेेंगू
Anaemia More Likely To Transmit Dengue डेंगू बुखार मुख्य रूप से एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। जिसमें बुखार शरीर पर चकत्ते और भयानक दर्द के साथ जानलेवा भी हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Anaemic People More Likely To Transmit Dengue: जिन लोगों के खून में आयरन की कमी होती है उनके घातक डेंगू वायरस फैलाने की संभावना भी अधिक हो जाती है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग डेंगू बुखार होने के दौरान दवाओं के साथ आयरन की खुराक भी लेते हैं तो उनसे यह वायरस फैलने की संभावना कम हो जाती है।
डेंगू बुखार, मुख्य रूप से एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। जिससे बुखार, शरीर पर चकत्ते और भयानक दर्द के साथ इससे शरीर सदमे में जा सकता है, यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के अनुसार, हर साल पूरी दुनिया में डेंगू के कम से कम 390 मिलियन यानी 39 करोड़ मामले सामने आते हैं। सबसे ज़्यादा मामले अफ्रीका, अमेरिका, पूर्वी भूमध्यसागरीय, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 100 से अधिक देशों से आते हैं।
जर्नल नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, डेंगू के जिन मरीज़ों के खून में आयरन की मात्रा ज़्यादा होती है, उनके मच्छरों को संक्रमित करने की संभावना कम होती है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के पेंगुआ वांग ने इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं का नेतृत्व किया। वांग यह देखना चाहते थे कि डेंगू के मरीज़ के खून की गुणवत्ता पर डेंगू वायरस के प्रसार का प्रभाव है या नहीं।
इसके लिए उन्होंने स्वस्थ लोगों के खून के सैम्पल इकट्ठा किए और खून के हर नमूने में डेंगू वायरस को मिला दिया। इसके बाद इस संक्रमित खून को मच्छरों को पिलाया गया और देखा गया कि कितने मच्छर इस खून से संक्रमित हुए। इसके नतीजे चौंकाने वाले थे क्योंकि उनके सामने कई तरह अलग-अलग नतीजे थे।
वांग और उनके साथियों ने पाया कि नतीजों का सीधा संबंध खून में मौजूद आयरन की मात्रा से था। वांग ने कहा, " खून में आयरन की मात्रा जितनी ज़्यादा थी उतने ही मच्छर कम संक्रमित हुए।"
इस अध्ययन में चूहों का उपयोग करते समय भी शोधकर्ताओं को इसी तरह के परिणाम मिले। उन्होंने पाया कि इंसानों की तरह एनीमिक चूहों में भी मच्छरों में वायरस को संक्रमित करने की अधिक संभावना थी। टीम ने पाया कि ऐसा मच्छरों की प्रतिरक्षा प्रणाली की वजह से हो रहा था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि मच्छर जब खून चूस्ते हैं तो उनके गट सेल्स खून से आयरन लेते हैं और इसका उपयोग प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए करते हैं, जो डेंगू वायरस को मारता है। वांग ने बताया कि डेंगू उन क्षेत्रों में ज़्यादा फैल रहा था जहां लोगों में आयरन की कमी भी अधिक थी। हालांकि, उन्होंने ये भी साफ किया कि डेंगू फैलने का कारण सिर्फ आयरन की कमी होना ही नहीं है। लेकिन जिन क्षेत्रों में डेंगू तेज़ी से फैलता है वहां अगर लोग आयरन सप्लीमेन्ट लें तो इस जानलेवा बीमारी का असर कम किया जा सकता है।