Move to Jagran APP

Smoking Can Lead To Depression: नई रिसर्च का दावा, धूम्रपान से बढ़ सकता है अवसाद का ख़तरा

Smoking Can Lead To Depression एक रिसर्च में धूम्रपान अवसाद और शिज़ोफ्रेनिया के बीच गहरा संबंध पाया गया। जो लोग रोज़ ध्रूमपान करते हैं उनमें डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:30 AM (IST)
Smoking Can Lead To Depression: नई रिसर्च का दावा, धूम्रपान से बढ़ सकता है अवसाद का ख़तरा
Smoking Can Lead To Depression: नई रिसर्च का दावा, धूम्रपान से बढ़ सकता है अवसाद का ख़तरा

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Smoking Can Lead To Depression: अगर आप रोज़ाना धूम्रपान करते हैं तो फौरन छोड़ दीजिए, एक रिसर्च में पाया गया कि तंबाकू को स्मोक करने से अवसाद और शिज़ोफ्रेनिया होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

loksabha election banner

एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो लोग रोज़ ध्रूमपान करते हैं, उन लोगों में डिप्रेशन और शिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां होने का रिस्क बहुत बढ़ जाता है। शोधकर्ता लीड ऑर्थर रॉबिन वूटन के अनुसार, मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे लोगों का ट्रीटमेंट करते समय हम अक्सर उनकी धूम्रपान और तंबाकू की आदत को अनदेखा करते हैं, जबकि हमारी अध्ययन में यह बात साफतौर पर साबित हुई है कि ध्रूमपान अवसाद और शिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक सेहत से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका निभाता है।

रॉबिन वूटन, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वूटन आगे कहते हैं कि हमारे इस अध्ययन से पता चलता है कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भी धूम्रपान के सेवन से लोगों को बचाना होगा। धूम्रपान से होनेवाली इन समस्याओं के प्रति और अधिक प्रयासों के साथ जागरुकता फैलानी होगी। 

वहीं, इस शोध से जुड़ी रिसर्च टीम ने ब्रिटेन के बायोबैंक डेटा से यूरोप के 462,690 व्यक्तियों का डेटा उपयोग किया, डेटा में शामिल लोगों में 8 प्रतिशत वर्तमान धूम्रपान करने वाले और 22 प्रतिशत पूर्व में धूम्रपान करने वाले लोग हैं, जो अब इस आदत को छोड़ चुके हैं। इस अध्ययन के निष्कषों के बाद अगर आप डेली स्मोकर या चेन स्मोकर हैं तो आपको जल्द ही अपनी इस आदत को छोड़ने के लिए सख्ती से खुद पर लगाम लगानी होगी।

टीम ने मेंडेलियन रैंडमाइज़ेशन नामक एक विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाया, ने के लिए एक जोखिम (जैसे धूम्रपान) से जुड़े । जो ऐसे आनुवंशिक वेरिएंट का उपयोग करता है जो धूम्रपान से जुड़े हैं, जो इसके कारण और प्रभाव के बीच के संबंधों के बारे में एक मज़बूत निष्कर्ष का समर्थन करता है। 

शोध यह भी बताता है कि धूम्रपान मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। यह नई रिसर्च धूम्रपान मुक्त नीतियों के कार्यान्वयन का समर्थन करने को और मज़बूती देती है। अध्ययन में कहा गया है कि ये न सिर्फ इस बात का प्रमाण है कि धूम्रपान मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि ये भी साबित करता है कि अवसाद से जुड़ी मौतों का सीधा संबंध धूम्रपान से भी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.