Navratri 2022: प्रेग्नेंसी में रखना है नवरात्र का व्रत, तो पहले ज़रूर जान लें ये 6 बातें
Navratri 2022 प्रेग्नेंसी में जो महिलाएं नवरात्र का व्रत रख रही हैं उनके लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। जिससे शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी न हो और मां व होने वाला बच्चा दोनों चुस्त और दुरुस्त रहें।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Navratri 2022: देशभर में नवरात्र का त्योहार बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। खासतौर पर उत्तर भारत में लोग मां दूर्गा के 9 स्वरूपों को पूजते हैं और व्रत भी रखते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स दिल की बीमारी, डायबिटीज़, बीपी या प्रेग्नेंसी में व्रत रखने की सलाह नहीं देते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में जो महिलाएं व्रत कर रही हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानियां बरतने की ज़रूरत होती है ताकि शरीर में पोषण की कमी न हो और बच्चे के विकास पर इसका असर न पड़े।
अगर आप भी प्रेग्नेंसी में नवरात्र के उपवस करने की सोच रही हैं, तो बेहतर है कि नीचे बताई गई बातों का ध्यान पूरा रखें।
- खूब सारा पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। पानी के अलावा आप नारियल का पानी, स्मूदी, छाछ, नींबू पानी, लस्सी आदि भी पी सकती हैं। ध्यान रहे कि एक सांस में कुछ भी न पी लें, बेहतर है कि छोटे-छोटे घूंट पिएं।
- प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज़ की समस्या आम हो जाती है, इसलिए इससे बचने के लिए फाइबर से भरपूर खाना ज़रूर खाएं। मौसमी फलों और खीरा, टमाटर, गाजर आदि जैसी सब्जियां फाइबर से भरी होती हैं।
- प्रेग्नेंसी में अगर आप व्रत रख रही हैं, तो दिन में छोटे-छोटे मील्स लेते रहें। एसिडिटी, मतली या बदहज़मी से बचने के लिए मील्स के बीच में 2 से 3 घंटे का गैप ज़रूर रखें।
- साबुत अनाज में कार्ब्स होते हैं, जो आपको पूरे दिन ऊर्जा देने का काम करते हैं। आम चावल और आटे की जगह कुट्टू के आटे, सिंघाड़े का आटा और राजगिरा के आटे का उपयोग करें।
साबुदाने को भी खिचड़ी या खीर के रूप में खाया जा सकता है।
- दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स रोज़ 2-3 बार खाएं।
- आलू के चिप्स, आलू की पूरियां, टिक्की, साबुदाना की टिक्की आदि जैसे तले और प्रोसेस्ड फूड्स ज़्यादा न खाएं। हालांकि, आप भुने हुए मखाने और अखरोट, बादाम और किशमिश जैसे नट्स का सेवन कर सकती हैं।
Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। उच्च जोखिम वाली प्रेग्नेंसी या किसी अन्य जटिलता के मामले में, बेहतर है कि अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही व्रत रखें। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।
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