Muscular Dystrophy: विदिशा के पूर्व BJP पार्षद ने की आत्महत्या, बच्चे की इस लाइलाज बीमारी से थे काफी परेशान
Muscular Dystrophy विदिशा में रहने वाले पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने गुरुवार की शाम को पत्नी और दो बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। जिसकी वजह उनके बच्चे की लाइलाज बीमारी थी। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से जूझ रहा था उनका बच्चा जानें इसके बारे में।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Muscular Dystrophy: विदिशा में रहने वाले पूर्व पार्षद संजीव मिश्रा ने पत्नी और दो बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। संजीव अपने बच्चे की लाइलाज बीमारी से परेशान थे। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें बीमारी का जिक्र करते हुए खुदकुशी करने की बात लिखी है। सूत्रों के अनुसार संजीव का बड़ा बेटा अनमोल पिछले आठ सालों से लाइलाज कही जाने वाली बीमारी मस्कुलर डिस्ट्राफी से जूझ रहा था। आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी, इसके लक्षण और उपचार।
विदिशा में एक व्यक्ति संजीव मिश्रा ने अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ आत्महत्या की। उसने सोशल मीडिया पर एक सुसाइड नोट पोस्ट किया जिसमें लिखा था कि वह जेनेटिक बीमारी के इलाज से पीड़ित अपने बच्चों को नहीं बचा सका, जिसके लिए इलाज उपलब्ध नहीं है: यू.भारगव,SP विदिशा, मध्य प्रदेश (26.01) pic.twitter.com/kx9eCivewz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2023
क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
जब शरीर में कई न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स के लक्षण एक साथ मौजूद होते हैं, तो ऐसी शारीरिक स्थिति को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी कहा जाता है। जो एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें जन्म के बाद बच्चे की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं। ऐसे में फिजिकल एक्टिविटीज को कंट्रोल करने वाली स्केलेटल मसल्स कमजोर होकर डैमेज होने लगती हैं। हेल्दी मांसपेशियों के विकास के लिए शरीर में कुछ खास तरह के प्रोटीन का निर्माण होता है लेकिन ऐसी समस्या होने पर कुछ म्यूटेशन (असामान्य जीन्स) इस प्रोसेस में रूकावट पैदा करते हैं। कुछ बच्चों में जन्म के समय ही इस बीमारी की पहचान हो जाती है, तो कई बार ऐसा भी होता है कि किशोरावस्था में बच्चे में इसके लक्षण नजर आते हैं।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर नजर आने वाले लक्षणः-
- कदमों में लड़खड़ाहट
- दौड़ने या कूदने में परेशानी
- बार-बार गिरना
- लेटने या बैठने में कठिनाई
- नजर में कमजोरी
- मांसपेशियों में जकड़न
- कद न बढ़ना
- तेजी से वजन घटना
- बौद्धिक विकास में रूकावट आदि।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार
मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव और उससे उठने वाले दर्द को कंट्रोल करने के लिए फिजियोथेरेपी की मदद ली जाती है। मांसपेशियों को नुकसान से बचाने के लिए मरीज को पेन किलर्स भी दिए जात हैं और कई बार सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है।
वहीं अगर सांस लेने में प्रॉब्लम हो तो मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट और अगर दिल संबंधी कोई समस्या हो तो पेसमेकर की भी जरूरत पड़ सकती है। अगर नवजात शिशु में कुछ भी असामान्य नजर आए तो ऐसी समस्या से बचाव के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सही समय पर उपचार शुरू करके इससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
मौत से पाले इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया इमोशनल पोस्ट
संजीव ने खुदकुशी से कुछ देर पहले ही दो पोस्ट लिखी थी। पहली पोस्ट में संजीव ने लिखा कि 'ईश्वर दुश्मन के बच्चे को भी न दे यह बीमारी, मस्कुलर डिस्ट्राफी ( डीएमडी) , प्रार्थना। दूसरी पोस्ट में संजीव ने लिखा कि शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं, भाग्य में था नही, हमें मिला नहीं।
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