Vitamin D deficiency: प्रेंग्नेंसी में विटामिन डी की कमी बच्चों का आईक्यू लेवल प्रभावित कर सकती है
Vitamin D deficiency अश्वेत महिलाओं में विटामिन डी का स्तर बहुत कम पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी के उच्च स्तर से बच्चों में आईक्यू का स्तर बढ़ा हुआ देखा गया खासकर 4 से 6 साल के बच्चों में।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। प्रीग्नेंसी के दौरान मां में विटामिन डी की कमी का सीधा संबंध बच्चों के आईक्यू लेवल से है, ये बात एक नई रिसर्च में सामने आई है। अध्ययन के मुताबिक अगर प्रेग्नेंसी के दौरान मां में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होती है तो बच्चों का आई क्यू स्कोर भी अच्छा होगा। सामान्य तौर पर तेज बच्चों का आईक्यू स्कोर तीव्र होता है। रिसर्च में चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि अश्वेत महिलाओं में विटामिन डी का स्तर बहुत कम पाया जाता है। सिएटल चिल्ड्रेन रिसर्च इंस्टीट्यूट में डिपार्टमेंट ऑफ चाइल्ड हेल्थ केयर की रिसर्च साइंसटिस्ट मेलिसा मेलोघ ने यह अध्ययन आम महिलाओं के साथ-साथ अश्वेत महिलाओं पर किया है। उन्होंने अपने अधययन में पाया है कि विटामिन डी की कमी के कारण अश्वेत महिलाओं में खतरा ज्यादा है। मेलिसा को उम्मीद है कि इस रिसर्च की मदद से हेल्थ केयर प्रोवाइडर विटामिन डी की कमी से जूझ रहीं प्रेग्नेंट महिलाओं को समय से पहले खतरों से आगाह करने में सक्षम होंगे।
अश्वेत महिलाओं में विटामिन डी की भारी कमी:
मेलिसा ने बताया कि हम सब जानते हैं कि मेलेनिन पिग्मेंट सूर्य की खतरनाक किरणों से शरीर की त्वचा की रक्षा करता है। लेकिन अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकने के साथ ही मेलेनिन त्वचा में विटामिन डी के उत्पादन को भी कम कर देता है। यही कारण है कि हमारे अध्ययन में अश्वेत प्रेग्नेंट महिलाओं में विटामिन डी की भारी कमी देखकर हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ। मेलिसा ने बताया कि हालांकि अध्ययन में शामिल कई महिलाओं ने प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी लिया लेकिन इससे विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में बन नहीं सकी।
बच्चों के दिमाग पर लंबा असर:
अध्ययन के मुताबिक प्रेग्नेसी के दौरान मां में विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के दिमाग पर लंबा असर पड़ता है। बच्चों के तंत्रिका संवेदी विकास के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान मां में विटामिन डी की भरपूर मात्रा होना अतिआवश्यक है। इससे बच्चों का दिमाग और सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इस रिसर्च में 2006 से हजारों महिलाओं को शामिल किया गया था। अध्ययन के मुताबिक अध्ययन में शामिल करीब 46 प्रतिशत अश्वेत प्रेग्नेंट महिलाओं में विटामिन डी की भारी कमी पाई गई। अध्ययन में यह भी देखा गया कि श्वेत महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी बहुत कम थी। हालांकि आईक्यू के प्रभावित करने वाले कई अन्य कारक हैं लेकिन गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी के उच्च स्तर से बच्चों में आईक्यू का स्तर बढ़ा हुआ देखा गया। खासकर 4 से 6 साल के बच्चों में।
विटामिन डी की कितनी खुराक जरूरी:
मेलिसा ने बताया कि सामान्यतया हर व्यक्ति को रोजाना 600 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी की खुराक लेनी चाहिए लेकिन ज्यादातर लोग डाइट के माध्यम से 200 आईयू विटामिन डी ही ले पाते हैं। यदि इस गैप को सप्लीमेंट या सूर्य की रोशनी से पूरा नही किया जाए तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। मेलिसा ने बताया कि विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में सप्लीमेंट लें। यह मछली, अंडा, गाय का दूघ और अनाज से प्राप्त किया जा सकता है।
Written By :Shahina Noor