Monsoon Hygiene: बरसात में महिलाओं को याद रखनी चाहिए हाइजीन से जुड़ी ये 6 बातें
Monsoon Hygiene बरसात का मौसम कई बीमारियां भी साथ लाता है। पेट का इन्फेक्शन मलेरिया और डेंगू तो है ही लेकिन महिलाओं में भी हाइजीन से जुड़े इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है। तो आइए जानें किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Hygiene: बारिश का मौसम साथ लाता है खूब सारी उमस, जिससे महिलाओं में वजाइनल इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है। इस मौसम में अग सही तरह की सावधानियां बरती जाएं, तो आप सेहतममंद रह सकती हैं। तो आइए जानें कि बरसात में हेल्दी रहने के लिए महिलाओं को किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
1. स्वच्छता का ख्याल रखें
मानसून में इन्फेक्शन से बचने के लिए सबसे अच्छा है कि सैनिटरी पैड्स को हर 3-4 घंटे में बदलें, टैम्पॉन्स को हर दो घंटे और मेन्स्ट्रूअल कप को हर 8 घंटे में। वजाइना के आसपास त्वचा को ड्राई रखें, केमिकल युक्त प्रोडक्ट की जगह टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।
2. मेन्स्ट्रूअल कप का करें इस्तेमाल
अगर आप माहवारी के समय सैनिटरी पैड्स, कपड़े या टैम्पॉन्स का इस्तेमाल करती हैं, तो इन सभी को छोड़ मेन्स्ट्रूअल कप यूज़ करना शुरू कर दें। बारिश के मौसम में उमस बढ़ने की वजह से सैनिटरी पैड्स से संक्रमण का ख़तरा बढ़ता है जिससे रैशेज़ हो सकते हैं। टैम्पॉन योनि में सभी तरल को अवशोषित कर सकते हैं, जिससे योनि सूख जाती है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में मेन्स्ट्रूअल कप सबसे हेल्दी ऑप्शन है।
3. मानसून में ज़्यादा शेव/वैक्स न करें
इन्टीमेट हाइजीन बेहद ज़रूरी होता है, लेकिन प्यूबिक हेयर आपके कई तरह के इन्फेक्शन से बचाते भी हैं। ऐसे में बरसात के मौसम में शेव या वैक्स करने से बचें।
4. एक ही कपड़े का बार-बार इस्तेमाल
देश में आज भी पिछड़े इलाकों में महिलाएं माहवारी के समय कपड़े का इस्तेमाल कर रही हैं। एक ही कपड़े का बार-बार उपयोग संक्रमण के ख़तरे को बढ़ाता है। साथ ही बारिश के मौसम में कपड़े आसानी से सूखते नहीं हैं, नम और गिले मौसम में बैक्टीरिया के पनपने का जोखिम भी बढ़ता है। इसलिए कई महिलाएं लंबे समय तक एक ही कपड़े का उपयोग करती रहती हैं। जिससे सिर्फ गंभीर बीमारियों का ख़तरा बढ़ता है।
5. कसे हुए कपड़े न पहनें
स्किनी जीन्स या फिर इसी तरह के कसे हुए कपड़े न पहनें, खासतौर पर बारिश के मौसम में, क्योंकि उमस की वजह से पसीना ज़्यादा आने लगता है। उमस और कसे हुए कपड़े रैशेज़, वजाइनल इन्फेक्शव और यूरिन इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। ऐसे कपड़े पहनें जो ढीले हों, जल्दी से सूख जाएं और त्वचा को इरिटेट न करें।
6. शरीर को हाइड्रेट रखें
बरसात में उमस काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से शरीर से सोडियम और फ्लूएड्स काफी निकल जाता है। शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के लिए आपको दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए। इससे आप कई तरह के वजाइनल और यूरिनरी ट्रेक्ट संक्रमण से भी बचेंगी।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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