Coronavirus Effects: क्या इस कोरोना वायरस महामारी में आपके भी बाल झड़ रहे हैं?
Coronavirus Effects डॉक्टर्स ने बताया कि पिछले कुछ समय से ऐसे कई मरीज़ उनके पास आए हैं जो बालों के बुरी तरह झड़ने से परेशान थे। उनका मानना है कि ये बेशक़ कोरोना वायरस महामारी का ही असर है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Effects: कोरोना वायरस जब से शुरू हुआ है, तब से कई वैज्ञानिक इस नए वायरस के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। पिछले 9-10 महीनों में इस तेज़ी से फैल रहे वायरस के बारे में काफी नई जानकारी सामने आती रही है। हाल ही में इससे जुड़ा एक और साइड-इफेक्ट देखने को मिल रहा है और वह है बालों का बुरी तरह झड़ना।
अमेरिका की एनरीन रो अपनी शादी की 10वीं सालगिरह के लिए तैयार हो रही थी, कि उन्होंने अपने सिर पर एक स्पॉट देखा जहां से बाल बिल्कुल जा चुके थे। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले से उनके घने-लंबे बाल लागातर झड़ रहे थे। वह गंजापन देख रो पड़ीं। 67 साल की एनरीन अप्रैल के महीने में कोरोना वायरस के लक्षणों के बाद 12 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती थीं। उन्होंने जब इस बारे में इंटरनेट पर सर्च किया तो पाया कि ऐसे कई लोग हैं जो वायरस से संक्रमित होने के कई महीनों बाद बालों का इस तरह झड़ना अनुभव कर रहे थे।
यहां तक कि डॉक्टर्स ने भी बताया कि पिछले कुछ समय से ऐसे कई मरीज़ उनके पास आए हैं, जो बालों के बुरी तरह झड़ने से परेशान थे। डॉक्टर्स का मानना है कि ये बेशक़ कोरोना वायरस महामारी का ही असर है, जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों के साथ उन लोगों पर भी प्रभाव डाल रहा है, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ।
कब होता है बालों का झड़ना जायज़
आम दिनों में अक्सर उन लोगों के बाल ज़्यादा झड़ते हैं, जो तनावपूर्ण स्थिति से गुज़र हैं, जैसे बीमारी, बड़ी सर्जरी या फिर मानसिक आघात।
कोरोना की वजह से भी गिर रहे हैं बाल
अब डॉक्टरों का कहना है कि कई लोग जो कोविड-19 से ठीक हो चुके है, अब बालों के झड़ने का अनुभव कर रहे हैं। ये सिर्फ वायरस की वजह से नहीं हो रहा है, बल्कि उससे जूझने और लड़ने से हो रहा मानसिक स्ट्रेस भी एक वजह है।
कई लोग, जो कभी भी वायरस से संक्रमित नहीं हुए, वे भी नौकरी के खोने, भावनात्मक तनाव, परिवार के सदस्यों की मृत्यु या फिर महामारी से हो रहे विनाश के कारण तनाव की वजह से भी बालों का झड़ना अनुभव कर रहे हैं। इस महामारी की वजह से लोग कई तरह से तनाव का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से बाल बुरी तरह झड़ रहे हैं।
बाल झड़ना कितना गंभीर?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज़्यादातर लोग के समस्या से कुछ दिनों में ही उबर जाएंगे, लेकिन कुछ लोगों को महीनों तक इससे गुज़रना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस महामारी के दौरान बाल दो तरह से झड़ रहे हैं।
एक स्थिति ऐसी होती है, जिसे टेलोजेन एफ्लुवियम कहा जाता है, जिसमें लोगों के प्रति दिन 50 से 100 से ज़्यादा बाल गिरते हैं, जो आमतौर पर तनावपूर्ण अनुभव के कई महीनों बाद शुरू होता है। वहीं, बालों की स्वस्थ साइकल के दौरान, थोड़े-थोड़े बाल झड़ते हैं, जिसमें करीब 10 प्रतिशत बाल गिरते हैं, लेकिन टेलोजेन एफ्लुवियम में बाल ज़्यादा गिरते हैं, और वापस कम आते हैं।
ऐसा ही कुछ महिलाएं गर्भावस्था के बाद भी अनुभव करती हैं, आमतौर पर ये समस्या लगभग छह महीने तक रहती है, लेकिन अगर तनावपूर्ण स्थिति बनी रहती है या पुनरावृत्ति होती है, तो कुछ लोगों में क्रॉनिक शेडिंग कंडीशन विकसित हो जाती है।
वहीं, बालों की दूसरी समस्या जो आजकल बढ़ रही है, वह है एलोपीसिया एरिएटा। जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली बालों के रोम पर हमला करती है, आमतौर इसकी शुरुआत सिर या दाढ़ी पर एक गंजे पैच के साथ होती है। यह आमतौर पर मनोवैज्ञानिक तनाव से जुड़ा होता है।
इस दौरान बाल झड़ने की क्या है वजह
विशेषज्ञ इस वक्त ये नहीं जानते हैं कि तनाव इन स्थितियों को क्यों ट्रिगर करता है, जिससे महिलाओं के साथ पुरुष भी प्रभावित गहो रहे हैं। यह तनाव हार्मोनस कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि या फिर रक्त की आपूर्ति पर प्रभाव से संबंधित हो सकता है। यहां तक कि बालों का झड़ना भी तनाव पैदा करता है।
क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स अच्छे पोषण, विटामिन जैसे बायोटिन और तनाव कम करने की तकनीक जैसे योग, स्कैल्प मसाज या माइंडफुलनेस मेडिटेशन की सलाह देते हैं। वहीं, एलोपीसिया एरिएटा में आपको मेडिकल इलाज की ज़रूरत होगी। वहीं, जो लोग बालों के झड़ने से तनाव का शिकार हो रहे हैं, उनके लिए डॉक्टर का यही कहना है कि जिंदा रहने के लिए बाल महत्वपूर्ण नहीं हैं। इस महामारी के दौरान सेहतमंद खाना खाएं, स्वच्छता का ख्याल रखें, मास्क पहने, शारीरिक दूरी बनाए रखें, बाहर कम से कम जाएं और तनाव से दूर रहें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।