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Monkeypox Virus: खतरनाक है मंकीपाक्स, जाने बचाव व इलाज के तरीके

Monkeypox Virus मंकीपाक्स वायरस त्वचा आंख नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से या उसके खून शरीर के तरल पदार्थ या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 08:12 PM (IST)
Monkeypox Virus: खतरनाक है मंकीपाक्स, जाने बचाव व इलाज के तरीके
अचानक इस वायरस के फैलने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल दिया है।

 नई दिल्‍ली, लाइफ स्टाइल डेस्क। Monkeypox Virus: कोरोना महामारी से अभी तक देश व दुनिया को पूरी तरह से राहत नहीं मिल सकी है। इसी बीच एक गंभीर बीमारी यानी मंकीपाक्स ने तेजी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 19 से ज्यादा देश इस बीमारी से ग्रसित हैं और 131 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।

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यह बीमारी अब इटली, स्वीडन, स्पेन, पुर्तगाल, अमेरिका, कनाडा और यूके तक पहुंच चुकी है। अचानक इस वायरस के फैलने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल दिया है। 

क्या है मंकीपाक्स 

इंटेलिजेंस सीनियर फर्मास्यूटिकल एनालिस्ट सैम फजेली के अनुसार, मंकीपॉक्स चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक ओर्थोंपॉक्सवायरस है। लेकिन, मृत्यु दर के मामले में यह स्मॉलपॉक्स से कम प्रोब्लमेटिक है। मंकीपॉक्स अपने नाम के अनुसार यह कोई बंदरों से फैलने वाला वायरस नहीं है। 

कैसे फैलता है संक्रमण

मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी मंकीपाक्स हो सकता है। 

क्या है इलाज

मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। हालांकि चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे कम जोखिम वाला बताया है। यूनिवर्सिटी आफ नाटिंघम में मालिक्यूलर वायरोलाजी के प्रोफेसर जोनाथन बाल ने कहा है कि तथ्य बताते है मंकीपाक्स से संक्रमित रोगी के 50 संपकरें में से केवल एक ही संक्रमित हुआ है, यह दर्शाता है कि वायरस ज्यादा संक्रामक नहीं है। 

मंकीपॉक्स से सावधानी

मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित होने के कुछ दिनों बाद वैक्सीन (Vaccine) लगवा लेने पर इससे बचा जा सकता है।

यह कोविड से कम संक्रामक वायरस है. इसलिए बहुत ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं होती।

यह बहुत जल्दी नहीं फैलता. संक्रमित व्यक्ति से आवश्यक दूरी बनाए रखने पर संक्रमण से बचा जा सकता है।


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