जानें, कब और कैसे होगा कोरोना वायरस का अंत
खबरों की मानें तो 165 से अधिक कोरोना वायरस वैक्सीन प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं जिनमें 33 से अधिक मानव परीक्षणों के लिए अंतिम चरण में हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया चपेट में है। इस वायरस से अब तक 3 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 9 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सुखद बात यह है कि 2 करोड़ से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं। इससे उम्मीद की किरण बरकरार है। हालांकि, यह बड़ा सवाल है कि कब और कैसे Covid-19 का अंत होगा ? इस बारे में कई शोध किए गए हैं और किए जा रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस टीका बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
खबरों की मानें तो 165 से अधिक कोरोना वायरस वैक्सीन प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं, जिनमें 33 से अधिक मानव परीक्षणों के लिए अंतिम चरण में हैं। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही टीका पूरी तरह से प्रभावी नहीं है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि Covid-19 टीका महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम है।
जबकि अमेरिका के वरिष्ठ डॉक्टर और संक्रमण मामलों के जानकर Anthony Fauci का कहना है कि अगर कोई टीका 50 से 60 फीसदी तक असरदार है ,तो वह प्रभावी है और उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने भी 75 फीसदी तक असरदार टीका बंनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। एक बार जैसे ही सुरक्षित और प्रभावी टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू होती है, मृत्यु दर मामले भी धीरे-धीरे कम होने शुरू हो जाएंगे। टीका सुरक्षा कवच की भूमिका निभा सकता है। इससे मानसिक तनाव भी कम हो सकता है। इससे लोगों में सकारात्मक विचार पनपने लगेंगे और फिर वायरस को मात दिया जा सकता है।
अगर बात करें स्पेनिश फ्लू की, तो इस वायरस से 50 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए थे। जबकि 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। यह महामारी भी दो साल के बाद कमजोर अथवा हो गई। जब लोगों की इम्युनिटी मजबूत हो गई। इसके लिए लोगों ने इम्यून सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया। वर्तमान समय में लोगों को इम्यून सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब लोग सामान्य जीवन जीने की कोशिश करने लगेंगे।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।