इस खास तकनीक से चीन ने मच्छरों का किया सफाया, जानें कैसे काम करती है यह
चीनी वैज्ञानिकों ने इनकंपैटिबल और स्टराइल इंसेक्ट का प्रयोग किया। जिससे गुआंगझाओ में स्थित दो द्वीपों से एशियन टाइगर कही जाने वाली मच्छरों की प्रजाति पूरी तरह से खत्म हो गई।
नई दिल्ली। चीनी वैज्ञानिकों ने एक खास तकनीक की मदद से दो द्वीपों से मच्छरों का सफाया करने में कामयाबी पाई है। लेकिन इस पूरे प्रक्रिया में दो साल का समय लगेगा। कई सालों से विज्ञान मच्छरों को खत्म करने का तरीका ढू़ंढ़ रहा है। हालांकि, सारी कोशिशों के बावजूद मच्छर वापस लौटने में कामयाब हो रहे हैं। लेकिन चीन एक ऐसा देश है जिसने इससे निपटने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन के वैज्ञानिकों ने इस काम के लिए इनकंपैटिबल और स्टराइल इंसेक्ट तकनीक (आईआईटी/एसआईटी) को मिलाकर प्रयोग किया। इनकी मदद से गुआंगझाओ में पर्ल नदी के किनारे स्थित दो द्वीपों से एशियन टाइगर कही जाने वाली मच्छरों की प्रजाति को पूरी तरह खत्म कर दिया गया।
एसआईटी ऐसी तकनीक है, जिसमें रेडिएशन की मदद से नर मच्छरों को नपुंसक बना दिया जाता है। ऐसा होने के बाद धीरे--धीरे कुछ समय में मच्छर पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं। इस प्रक्रिया में चीन के वैज्ञानिकों ने वोल्बाचिया बैक्टीरिया की भी मदद ली। शोधकर्ताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में चीन एक बड़े शहरी इलाके में इस तकनीक का परीक्षण करने की तैयारी में हैं।
अहम है इस तकनीक का इस्तेमाल
दुनियाभर में जिस तरह से मच्छरों के कारण जीका, मलेरिया, डेंगू और अन्य कई गंभीर व जानलेवा बीमारियां फैल रही हैं, उसे देखते हुए इस तकनीक का इस्तेमाल और भी अहम हो गया है। यह विभिन्न रसायनों और पारंपरिक तरीके के प्रति प्रतिरोधी हो चुके मच्छरों के मामले में भी कारगर हो सकता है। कृषि क्षेत्र में कुछ कीटों को खत्म करने के लिए एसआईटी का प्रयोग 60 साल से ज्यादा समय से हो रहा है, लेकिन मच्छरों को लेकर इनका प्रयोग करने की कोशिश हाल ही में हुई है।