Pregnancy Health Tips: प्रेग्नेंसी में रखें पैरों का खास ख्याल, नहीं होगी दर्द और सूजन की समस्या
Pregnancy Health Tips प्रेग्नेंसी में पैरों में दर्द और सूजन की समस्या आम है जिस ओर थोड़ा ध्यान देकर काफी हद तक इस समस्या को कम किया जा सकता है। जानेंगे इसके बारे में।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों का वजन बढ़ जाता है और उनके पैरों पर शरीर का सारा भार पड़ता है इसलिए अक्सर उन्हें पैरों में दर्द की समस्या हो जाती है और ध्यान नहीं देने पर यह गंभीर रूप धारण कर लेती है। प्रेग्नेंसी के पहले कुछ महीनों में पैरों में सूजन उभर आती है, जो सुबह के समय कम होती है और शाम को ज्यादा हो जाती है। ऐसी सिचुएशन में कई बार स्त्रियों की थाइज़ की त्वचा पर नीले रंग की मकड़ीनुमा जाले उभर आते हैं। कुछ स्त्रियों में ये नसें मोटी हो जाती हैं। इसे वेरिकोज वेन्स की समस्या कहा जाता है। कभी-कभी पैरों में खून जमा हो जाता है। जिससे पैरों में लाली व सूजन आ जाती है। यह स्थिति कई बार मां और गर्भस्थ शिशु के लिए जानलेवा साबित होती है।
1. गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से टहलना और पैरों का हल्का-फुल्का व्यायाम सबसे जरूरी है।
2. हर दो महीने के अंतराल पर अपने पैरों की जांच किसी वैस्क्युलर सर्जन से करवाती रहें।
3. घर से काम कर रही हैं तो पैरों को बीच-बीच में हिलाती रहें।
4. गर्भवती स्त्रियां इस बात की कोशिश करें कि उनके पैरों में किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो, क्योंकि पैरों की समस्या होने पर उन्हें कई तरह की दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है।
5. अगर पैरों में अचानक सूजन आ जाए तो तुरंत किसी ऐसे अस्पताल जाएं, जहां किसी वैस्क्युलर या कार्डियो वैस्क्युलर सर्जन की चौबीस घंटे उपलब्धता तथा एंजियोग्राफी, एम आर वीनोग्राम व डाप्लर स्टडी की सुविधा हो।
6. धूप में लंबे समय तक न बैठें। पैरों की नसें गर्मी की वजह से आकार में बड़ी हो जाती हैं और वहां अशुद्ध खून ज्यादा इकट्ठा होने लगता है।
7. एक ही मुद्रा में लगातार एक घंटे स ज्यादा देर तक खड़े होने स बचें। बहुत देर तक पैर लटकाकर न बैठें। सख्त किनारों वाली कुर्सी का इस्तेमाल न करें।
8. बहुत ज्यादा थकान भरे क्रियाकलापों के बाद पैरों पर ठंडा पानी डालें। लेटते समय पैरों के नीचे तकिया रखें।
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