जापान में कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा, 18% जापानी ही कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम
Japan has more risk of corona spread- जापान में तकनीकी अभाव के कारण 18% लोग ही कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम। जबकि भारत में 70% लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। चीन के वुहान शहर से जन्मा कोविड-19 वायरस तमाम देशों के लिए सर दर्द बन गया है। इस बीमारी से बचाव के लिए मेडिकल साइंस के पास कोई उपचार मौजूद नहीं है। सरकारों के पास इससे बचाव का एक मात्र रास्ता है लॉकडाउन। लॉकडाउन विकसित देशों तक के लिए सिर दर्द बना हुआ है।
कोरोना को काबू करने के लिए जापान में इस माह की शुरुआत में आपातकाल की घोषणा की गई थी। लॉकडाउन में लोगों को घरों से काम करने के लिए कहा गया, लेकिन ये जापानी आवश्यक मूलभूत उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं। अत्याधुनिक छवि वाला ये देश कई मामलों में तकनीकी रूप से अक्षम है। यहां आज भी ऑफिस में ई-मेल की बजाय फैक्स किया जाता है। इस देश में आज भी कई घरों में तेज गति के इंटरनेट तक की सुविधाएं मौजूद नहीं हैं। तकनीकी का अभाव ही यहां के लोगों को वर्क फ्रॉम होने करने में सबसे बड़ी बाधा है।
ब्रितानी बाजार अनुसंधानकर्ता यूगोव के सर्वेक्षण के अनुसार, जापान में 80 प्रतिशत लोगों को कोरोना के संक्रमण का खतरा है, क्योंकि 18 प्रतिशत जापानी ऐसे हैं, जो स्कूल या ऑफिस जाने से बच रहे हैं, जबकि इसके विपरीत यूगोव ने बताया कि भारत में 70 प्रतिशत और अमेरिका में 30 प्रतिशत लोग घरों से काम कर रहे हैं।
घर से काम करने के संबंध में जापान में अग्रणी कंपनी टेलीवर्ग मैनेजमेंट इंक की अध्यक्ष यूरी ताजावा ने कहा कि जापानी कर्मियों का काम अमेरिकी कर्मियों की तरह स्पष्ट रूप से तय नहीं है, इसलिए कंपनियां कर्मियों के बीच लगातार संपर्क की अपेक्षा करती हैं। लेकिन यह कर्मियों और परिवार के लिए जीवन और मौत का प्रश्न है। हमें तत्काल आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर से काम करना बहुत जरूरी है।
Written By Shahina Noor