नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना है कितना सही और सुरक्षित? जानें एक्सपर्ट की राय
बच्चों को मास्क पहनना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। जब मास्क को बार-बार निकाला जाता है तो वह दूषित हो जाता है साथ ही इससे कई बार बच्चों का सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
कोरोना संक्रमण की वजह से आजकल लोग बुजुर्गों के साथ-साथ नवजात शिशु की सेहत के प्रति भी बहुत चिंतित रहते हैं। इससे बचाव के लिए कुछ पेरेंट्स ने छोटे बच्चों को भी मास्क पहनाना शुरू कर दिया है लेकिन इससे उसकी सांस लेने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। ब्रिटेन के पीडियाट्रिशियन डॉ. डैनियल एटकिंसन का मानना है कि मास्क शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। इसलिए इस ओर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल उनकी श्वास-नली बहुत संकरी होती है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऑक्सीजन की कमी से वे बेहोश भी हो सकते हैं। साथ ही जब वे मास्क हटाने की कोशिश करते हैं तो इसमें भी जोखिम है। यदि मास्क गले में उलझ गया तो इससे भी उसे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि बच्चों को मास्क पहनना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। जब मास्क को बार-बार निकाला जाता है तो वह दूषित हो जाता है साथ ही मास्क पहनने से आसपास के एरिया में कुछ लोगों को बहुत पसीना होता है और ये प्रॉब्लम बच्चों के साथ भी हो सकती है। इस संक्रमण से बचाव का सबसे आसान तरीका यही है कि आप बच्चों के साथ घर के भीतर रहें और 3 साल से कम आयु के बच्चों को मास्क न पहनाएं।
डॉक्टर की राय
आज के दौर में बच्चों को मास्क न पहनाने की सलाह नहीं दी जा सकती। फिर भी यह शोध कुछ हद तक सही है। एक साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क न पहनाएं। अगर इस आयु सीमा के बाद शिशु को मास्क पहनाते हैं तो उस पर निगरानी रखें। बेहतर यही होगा कि संक्रमण से बचाव के लिए शिशु के साथ घर पर रहें।
-डॉ. रमणी रंजन, पीडियाट्रिशियन, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा