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International Yoga Day 2019: योगासन जिन्हें रोजाना करके पा सकते हैं रोगमुक्त शरीर

International Yoga Day 2019 बीमारियों से बचने के साथ ही तन और मन की शांति के लिए योगासन बहुत ही जरूरी है। तो आइए जानते हैं डेली करे जाने वाले कुछ आसान योगसनों के बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 04:09 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 09:00 PM (IST)
International Yoga Day 2019: योगासन जिन्हें रोजाना करके पा सकते हैं रोगमुक्त शरीर
International Yoga Day 2019: योगासन जिन्हें रोजाना करके पा सकते हैं रोगमुक्त शरीर

योग से बेशक शारीरिक और मानसिक सुख-शांति मिलती है लेकिन तब, जब आप इसे नियमित रूप से करें। वरना ये सिर्फ मसल पेन देगा। कुछ एक योगासन ऐसे हैं जिन्हें आप घर में काम करते हुए, सोफे पर बैठकर टीवी देखते हुए और लेटकर भी कर सकते हैं। जानेंगे इनके बारे में और इनसे होने वाले फायदों के बारे में।

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पद्मासन

पद्मासन थकान को काफी हद तक दूर करने में सहायक होता है। इस आसन से शरीर की सभी नाडि़यां सुचारु रूप से कार्य करती हैं साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। नियमित पद्मासन करने से चेहरे की आभा बढ़ती है और मन भी शांत होता है।

कैसे करें: पहले कुछ देर सामने की तरफ पैर फैलाकर बैठें। फिर पालथी लगा लें। कुछ पल सहज रूप से सांस चलने दें। फिर बाएं पैर के पंजे को दायीं जांघ पर और दाएं पैर के पंजे को बायीं जांघ पर रखें। इस दौरान रीढ़ सीधी रहे और घुटने भी जमीन को स्पर्श करते हुए हों। अब अंगूठे और तर्जनी के ऊपरी हिस्सों को मिलाकर दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। दोनों बाजू तने हुए हों। इस अवस्था में धीमी और गहरी सांस के साथ जितनी देर बैठ सकें, बैठें।

शशांकासन

अक्सर महिलाओं को किचन में काम करते हुए या घर के अन्य कार्र्यो को अंजाम देते समय कमर झुकानी पड़ती है या फिर उनके पोस्चर्स सही नहीं होते हैं। इससे अक्सर उनको कमर दर्द की शिकायत रहती है। यह आसन कमर दर्द में काफी राहत प्रदान करता है साथ ही रक्तसंचार सही रहता है। इस आसन से मन भी शांत होता है।

कैसे करें

वज्रासन की पोजीशन में बैठकर सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को आकाश की तरफ ले जाएं। फिर सांस छोड़ते हुए हाथ को एक सीध में ही रखते हुए झुक जाएं और सिर को जमीन से स्पर्श करने दें। सांस जब पूरी तरह बाहर निकल जाए तो उसे वहीं रोक लें। इस अवस्था में यथास्थिति रुकें और फिर सांस भरते हुए हाथ और सिर को एक साथ ऊपर लाएं। पुन: सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को सामान्य अवस्था में ले आएं। ऐसा करीब दस बार करें।

 

भुजंगासन

जिनका हाजमा ठीक नहीं रहता है या फिर जिन्हें कब्ज व गैस की समस्या रहती है, उन्हें इस आसन को अवश्य करना चाहिए। सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, ब्रॉनकाइटिस, स्लिप डिस्क और दमा से पीडि़त लोगों के लिए यह आसन बहुत उपयोगी है। इससे फेफड़े भी स्वस्थ रहते हैं।

कैसे करें

पेट के बल लेटकर कुछ पल सहज रूप से सांस लें। फिर सांस अंदर लेते हुए हथेलियों को जमीन पर टिका दें और कमर के ऊपर के हिस्से यानी सीने और सिर को ऊपर उठाएं। अब सिर तथा गर्दन को पीछे की ओर झुकने दें। हाथों को सीधा रखें। इस अवस्था में कुछ सेकेंड तक सहज सांस के साथ हथेलियों पर दबाव बनाए रखें और सामने देखें। पुन: सांस छोड़ते हुए, धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। ऐसा पांच बार करें। गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए, उनके लिए यह आसन वर्जित है।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन से पाचन तंत्र सही रहता है। दूषित वायु शरीर से बाहर निकलती है और वातरोगों में राहत मिलती है। कैसा भी गठिया हो, इस आसन के नियमित अभ्यास से बहुत राहत मिलती है। चक्कर आने, सिरदर्द, मोटापा, कब्ज और रीढ़ को स्वस्थ रखने में भी पवनमुक्तासन उपयोगी है।

कैसे करें

समतल जमीन पर या योगा मैट लेटकर पैरों को जमीन पर सीधा रखें। सांस छोड़ें और उसे बाहर ही रोक लें। फिर दाएं घुटने को मोड़कर सिर की तरफ लाएं और गर्दन को उठाते हुए घुटने को नाक से स्पर्श कराएं। इससे पेट पर दबाव पैदा होगा। इस स्थिति में यथासंभव रुकने के बाद सांस लेते हुए पूर्वावस्था में आ जाएं। इस क्रम में बायां पैर जमीन पर सीधा रहे। यही प्रक्रिया बाएं घुटने को मोड़कर भी दोहराएं। दोनों पैरों से इस आसन को अधिकतम दस बार करें।

वज्रासन

अक्सर बहुत सी महिलाओं में मेनोपॉज के बाद गर्भाशय से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा अनेक महिलाओं को माहवारी की अनियमितता से भी परेशान होना पड़ता है। वज्रासन से इन समस्याओं में राहत मिलती है। इस आसन से पेट, कमर और जांघों पर संचित अतिरिक्त वसा तथा पैरों में वैरीकोज वेन्स की समस्या भी दूर होती है।

कैसे करें

घुटने पीछे की ओर मोड़कर हिप पर दबाव देकर बैठें। दोनों हाथों को घुटने पर रखकर शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें। रीढ़ बिल्कुल सीधी रहे। घुटने के नीचे पतला तकिया रख लेने से यह आसन करना आसान हो जाता है। 15 से 30 मिनट तक करना पर्याप्त है। भोजन से करीब पंद्रह मिनट पूर्व और लगभग आधे घंटे बाद पंद्रह मिनट से आधे घंटे तक करें। पाइल्स से पीडि़त लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए, उनके लिए यह आसन वर्जित है।

शवासन

यह सबसे आसान क्रिया है, जिससे तत्काल शारीरिक-मानसिक थकान दूर हो जाती है।

कैसे करें

पीठ के बल सीधे लेटें, पैरों को ढीला छोड़ दें। हाथों को शरीर से सटाकर सीधे रखें। अब अपने अंगूठे से शुरुआत कर शरीर के हर एक अंग पर धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करना शुरू करें। मन को एकाग्रचित होने दें और महसूस करें कि शरीर धीरे-धीरे ऊर्जा ग्रहण कर रहा है, स्वस्थ हो रहा है।

 

शलाभासन

इसे खासतौर पर थकान या फटीग दूर करने के लिए बनाया गया है।

कैसे करें

जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर की सीध में हल्का सा ऊपर की ओर उठाकर रखें। अब अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाएं। लंबी सांस खींचे। धीरे-धीरे दोनों पैरों, गर्दन और सिर को ऊपर की ओर उठाएं लेकिन पेट वाला हिस्सा जमीन से सटा रहें। अब पूर्वावस्था में लौटें। इसे 10-20 बार तक दोहराएं।

पश्चिमोत्तासन

योगा मैट पर सीधे बैठें और दोनों पैरों को सामने रखें। धीरे-धीरे कमर की ओर से शरीर को आगे ले जाते हुए अपने हाथों से पैरों के अंगूठों को छूने की कोशिश करें।

गहरी सांस लें, कुछ देर स्थिर रहें, सांस छोड़े।

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