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Raw Milk Health Benefits-तंदुरुस्त रहना चाहते हैं तो कच्चे दूध का इस्तेमाल यूं करें।

Raw Milk Health Benefits- कच्चे दूध का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया जा सकता है। यह पेट और हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 04:02 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 04:26 PM (IST)
Raw Milk Health Benefits-तंदुरुस्त रहना चाहते हैं तो कच्चे दूध का इस्तेमाल यूं करें।
Raw Milk Health Benefits-तंदुरुस्त रहना चाहते हैं तो कच्चे दूध का इस्तेमाल यूं करें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दूध संपूर्ण आहार है। सेहत के लिए रोज एक गिलास दूध पीना बेहद फायदेमंद है। लेकिन दूध कैसे और किस तरह पीएं ये बहुत मायने रखता है। एक अध्ययन के मुताबिक अगर कच्चा या बिना पाश्चराइज्ड दूध कमरे के तापमान में छोड़ दिया जाए तो उसमें हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं जो सेहत के लिए फायदे के बजाएं नुकसान पहुंचा सकता है। कच्चे दूध का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया जा सकता है। यह पेट और हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद है। कच्चा दूध त्वचा को भी खूबसूरत बनाता है।

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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर कच्चा दूध पीना है तो बेहतर होगा कि इसे फ्रिज में रखें। इसकी वजह यह है कि ऐसा करने से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन के साथ बैक्टीरिया विकसित होने का खतरा कम होता है। कच्चे दूध में अक्सर पॉश्चराइज्ड दूध की तुलना में ज्यादा प्रोबायोटिक्स या स्वस्थ बैक्टीरिया पाए जाने की बात कही जाती है, लेकिन शोधकर्ताओं ने ऐसा नहीं पाया। शोधकर्ताओं के मुताबिक कच्चे दूध के नमूनों में बड़ी मात्रा में लाभकारी बैक्टीरिया नहीं मिले। उन्होंने यह भी देखा कि अगर कच्चे दूध को कमरे के तापमान पर छोड़ देते हैं, तो पॉश्चराइज्ड दूध की तुलना में इसमें ज्यादा रोगाणुरोधी-प्रतिरोधी जीन बनते हैं। रोगाणुरोधी-प्रतिरोधी जीन वाले बैक्टीरिया में 'सुपरबग्स' बनने की क्षमता होती है और इस संक्रमण या बीमारी के इलाज के लिए दवाएं भी तत्काल काम नहीं करती हैं।  यूएस सेंटर्स फॉर डिसऑर्डर कंट्रोल के अनुसार हर साल लगभग 30 लाख लोगों में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमण मिलता है और 35,000 से अधिक लोग मर जाते हैं।

इस शोध के लिए टीम ने पांच राज्यों के दूध के 200 नमूनों का विश्लेषण किया, जिसमें कच्चा दूध और पॉश्चराइज्ड दूध शामिल था। अध्ययन में पाया गया कि कमरे के तापमान पर रखे गए कच्चे दूध में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी रोगाणुओं का प्रसार ज्यादा था।

               Written By Shahina Noor


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