Insomnia: इस पत्ते को रोजाना सूंघने से नींद न आने की समस्या होती है दूर, जानें अन्य फायदे
Insomnia हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नींबू के पत्तों में प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट एंटी वायरल एंटी ऑक्सीडेंट फेनोलिक टैनिन एंटी माइक्रोबियल एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं जो अनिद्रा समेत कई अन्य बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। अनिद्रा के लिए रोजाना दिन में किसी समय नींबू के पत्ते को सूंघे।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Insomnia: तनाव के चलते रात की नींद में खलल आती है। तनाव एक मानसिक विकार है। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति को रात में नींद नहीं आती है। साथ ही वह व्यक्ति हर समय बेचैन रहता है। इसके अलावा, देर रात में मोबाइल चलाने से भी नींद में बाधा आती है। जानकारों की मानें तो लंबे समय तक अनिद्रा से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने लगता है। साथ ही कई बीमारियां दस्तक देती हैं। इसके लिए डॉक्टर हमेशा सेहतमंद रहने के लिए रोजाना कम से कम 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं। वहीं, रात में चाय-कॉफ़ी, धूम्रपान और शराब का सेवन न करें, तनाव से दूरी बनाएं और रात में सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दें। इसके अलावा, नींबू के पत्ते को सूंघने से भी अनिद्रा में आराम मिलता है। इससे रात को अच्छी नींद आती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नींबू के पत्तों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एंटी वायरल, एंटी ऑक्सीडेंट, फेनोलिक, टैनिन, एंटी माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो अनिद्रा समेत कई अन्य बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। अनिद्रा के लिए रोजाना दिन में किसी समय नींबू के पत्ते को सूंघे। इससे जल्द फायदा मिलता है। नींबू के पत्ते से बनी चाय के सेवन से भी रात में नींद अच्छी आती है।
इससे मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन उत्सर्जित होता है, जो तनाव, सिरदर्द और अनिद्रा को दूर करने में मददगार साबित होता है। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इससे मेटाबॉलिज़्म एक्टिव होता है। साथ ही फाइबर के चलते खाना देर से पचता है। इससे क्रेविंग की समस्या में भी आराम मिलता है। वहीं, लंबे समय तक नींबू के पत्ते के सेवन से वजन भी कंट्रोल होता है। इसके लिए रोजाना लेमन टी पी सकते हैं। साथ ही आप नींबू के पत्ते का स्मेल भी ले सकते हैं। इसमें खूबसूरत सुगंध होती है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।