हाइपर एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार
हाइपर एसिडिटी दूर करने के आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाकर आप इस समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं। तो एक नज़र डालेंगे इन उपायों पर
आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लगभग हर व्यक्ति हाइपर एसिडिटी यानि अम्लपित्त से परेशान है। देर तक खाली पेट रहने और ज्यादा तला-भुना खाने से एसिडिटी होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। पेट में जलन, खट्टी डकारें आना, मुंह में पानी भर आना, पेट में दर्द, गैस की शिकायत, जी मिचलाना ये एसिडिटी के लक्षण हैं। तो आज हम हाइपर एसिडिटी के कारगर आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में बात करेंगे।
एसिडिटी में क्या खाएं
एसिडिटी के रोगियों को अपनी डाइट में दूध, छाछ, नारियल पानी और गुनगुने पानी शामिल करना चाहिए |
घर में बना ताज़ा भोजन ही करें।
साबुत अनाज जैसे जौ, गेहूं, चने का प्रयोग करें।
दालों में मूंग और मसूर का प्रयोग करें।
एसिडिटी में इन चीज़ों को करें अवॉयड
बहुत ज़्यादा चाय-कॉफ़ी, शराब, धूम्रपान, मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
खाना खाने के बाद सोना तथा खाना खाने के बाद पानी पीने से बचना चाहिए। बहुत ज़्यादा ऑयली खाना नहीं खाना चाहिए।
मिर्च-मासलेदार खाने के अलावा देर से पचने वाले भोजन जैसे राजमा, छोले, उड़द, मटर, गोभी, भिंडी, आलू, अरबी, कटहल, बैंगन, खमीरीकृत भोजन जैसे कि इडली, डोसा, बेकरी प्रोडक्ट, बासी खाना, डब्बाबंद खाना आदि का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
एसिडिटी में फायदेमंद एक्सरसाइज
इस समस्या को दूर करने के लिए सूर्यनमस्कार, वज्रासन,सर्वांगासन, अनुलोम-विलोम, शीतली, शीतकारी प्राणायाम करें।