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गर्मी का मौसम बिगाड़ सकता है लिवर की सेहत, बरतें यह जरूरी एहतियात

Heathy liver tips कानपुर के द मेडीहेल्प हास्पिटल के गैस्ट्रोलाजिस्ट डा. विकास सेंगर ने बताया कि गर्मी का मौसम बिगाड़ सकता है लिवर की सेहत। इसलिए खानपान में स्वच्छता का विशेष ध्यान दें। बरतें ये कुछ जरूरी एहतियात...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 12:35 PM (IST)
गर्मी का मौसम बिगाड़ सकता है लिवर की सेहत, बरतें यह जरूरी एहतियात
Heathy liver tips: लिवर में न पड़े मौसम का असर

कानपुर, फीचर डेस्क। लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है और यह कई आवश्यक क्रियाओं को पूरा करता है। गर्मियों में कोल ड्रिंक्स, आइसक्रीम, ठेले पर बिकने वाली शिकंजी आदि चीजों का सेवन बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त स्ट्रीट फूड के सेवन में हुई स्वच्छता की जरा सी चूक भी लिवर की सेहत बिगाड़ सकती है। इन चीजों के सेवन से लिवर पर सूजन आने के साथ ही फैट जमा होता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसके साथ ही गर्मियों का मौसम पीलिया का खतरा बढ़ा देता है। इसलिए खानपान में स्वच्छता का विशेष ध्यान दें।

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घरेलू खाने को दें प्राथमिकता: इन दिनों वायरस के संक्रमण से पीलिया होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका कारण खानपान की अनियमिताता या स्वच्छता की कमी है। कोशिश करें कि घर का बना सुपाच्य भोजन करें। ठेले पर बिकने वाली शिकंजी, शर्बत या कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम का सेवन सीमित करें। ये चीजें फैट बढ़ाती हैं, इससे लिवर फैटी होता है। पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।

सुस्त रहता है पाचन तंत्र: बढ़ा वजन लिवर की सेहत बिगाड़ता है। गर्मियों में शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। इसलिए व्यायाम जरूर करें और ऐसी चीजों का सेवन न करें, जो फैट बढ़ाती हैं, क्योंकि गर्मियों में पाचन तंत्र सुस्त रहता है और गरिष्ठ भोजन से लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। यदि आंख, त्वचा और नाखूनों रंगा पीला हो रहा हो और भूख न लगने के साथ उल्टी व बुखार की परेशानी हो रही हो तो चिकित्सकीय सलाह लें। यह समस्या लिवर की सेहत के लिए ठीक नहीं है।

क्यों होता है लिवर फैटी: इंसान के पेट में लगभग पांच प्रतिशत चर्बी होती है। खानपान की अनियमितता से चर्बी का जमाव बढऩे लगता है और इसका पहला प्रभाव लिवर पर पड़ता है। इसे ही लिवर का वसीय संक्रमण या फैटी लिवर कहते हैं। इससे लिवर की आंतरिक कोशिकाएं निष्क्रिय होने के साथ कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जिन लोगों में यह समस्या अल्कोहल के सेवन से होती है, उसे अल्कोहलिक व जिनमें खानपान की गलत आदतों से लिवर में फैट जमा होता है, उसे नान-अल्कोहलिक फैटी लिवर कहते हैं।

गैस्ट्रोलाजिस्ट डा. विकास सेंगर


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