Hormonal Imbalance cure: बात-बात पर गुस्सा आता हैं तो कहीं आपके हार्मोन डिस्बेलेंस तो नहीं? जानिए कारण और उपचार
Hormonal Imbalance cure हार्मोन्स में आए असंतुलन का असर हमारी सेहत से लेकर बाल और त्वचा तक पर नजर आता है। गर्भावस्था पीरियड और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन का संतुलन ज्यादा बिगड़ता है। हार्मोन का ये बदलाव हर उम्र की महिलाओं और पुरुषों में देखा जा रहा है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बदलता लाइफस्टाइल, खान-पान और जिंदगी की परेशानियां कई बार आपको अनजाने में ही ऐसी बीमारियों की गिरफ्त में धकेल देती हैं, जिनका आप कयास भी नहीं लगा सकते। आप हर वक्त चिंता, तनाव में रहते हैं और अकेलापन महसूस करने लगते हैं। आपकी बॉडी में आए इस बदलाव की वजह आपके हार्मोन्स में परिवर्तन हो सकता है। महिलाएं इस परेशानी से ज्यादा गुजरती हैं। हार्मोन शरीर के समुचित कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हार्मोन्स में आए असंतुलन का असर हमारी सेहत से लेकर बाल और त्वचा तक पर नजर आता है। गर्भावस्था, पीरियड और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन का संतुलन ज्यादा बिगड़ता है। हार्मोन का ये बदलाव किसी विशेष उम्र के लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर उम्र की महिलाओं और पुरुषों में देखा जा रहा है।
हार्मोन्स में बदलाव के लक्षण:
- चिंता, तनाव और अकेलापन महसूस करना
- मूड का जल्दी-जल्दी पलटना,
- बालों का तेजी से झड़ना
- खराब नींद, यौन इच्छा में कमी होना,
- वजन बढ़ना,
- अनियमित पीरियड्स, पीरियड देरी से आना
- चेहरे पर बाल या मुँहासे आना शामिल है।
हार्मोन क्या हैं?
हार्मोन शरीर के रासायनिक मैसेंजर होते हैं, जो बॉडी के अंगों और ऊतकों के विभिन्न हिस्सों को कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए निर्देशित करते हैं। हार्मोन्स में आए असंतुलन का असर हमारी सेहत से लेकर बाल और त्वचा तक पर नजर आता है। गर्भावस्था, पीरियड और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन का यह संतुलन ज्यादा बिगड़ता है।
हार्मोन इम्बैलेंस हैं तो डाइट में करें इन चीजों को शामिल:
आप भी अपने में इस तरह का बदलाव महसूस कर रहे है तो सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव कीजिए। अपनी डाइट से उन चीजों को निकाल दीजिए जो हार्मोनल इम्बैलेंस के लिए जिम्मेदार है। आइए जानते है कि हार्मोनल इम्बैलेंस को कंट्रोल करने के लिए डाइट में किन चीज़ों को शामिल करें और किन से करें परहेज़।
- चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स इत्यादि के अधिक सेवन से महिलाओं की एड्रेनल ग्रंथि ज्यादा सक्रिय हो जाती है, जिससे हार्मोन्स का स्राव होने लगता है।
- पोषक आहार लें ताकि शरीर को विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन आदि मिलते रहें।
- आहार में ताजे फल व सब्जियों जैसे गाजर, ब्रोकोली और पत्तागोभी की मात्रा बढ़ा दें।
- ग्रीन टी में थियानाइन प्राकृतिक तत्व पाया जाता है, जो हार्मोन्स को संतुलित रखता है।
- ओट्स और दही को आहार में शामिल करें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- सूरजमुखी के बीज, अंडे, सूखे मेवे और चिकन में ओमेगा 3 व 6 पाया जाता है, जो हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखते हैं।
- नारियल पानी पिएं।
- जंक फूड व कुछ अन्य खाद्य पदार्थ, जिनमें कैलरी की मात्रा अधिक हो, से परहेज करना चाहिए।
इन सब्जियों से करें परहेज:
- हार्मोनल इम्बैलेंस में बैंगन, मिर्च, आलू और टमाटर जैसी कुछ सब्जियों को कम मात्रा में सेवन करें। कुछ क्रूसिफायर सब्जियां जैसे फूलगोभी, ब्रोकोली, और केल से हार्मोनल इम्बैलेंस बढ़ सकता है।
- रेड मीट संतृप्त और हाइड्रोजनीकृत वसा से भरपूर भोजन है इसलिए इससे परहेज करें।
- डिब्बा पैक मांस का सेवन करने से भी परहेज करें।
- गर्भवती महिलाएं या किसी हार्मोनल परेशानी से पीड़ित हैं तो स्टेविया से परहेज करें। स्टीविया एक प्राकृतिक स्वीटनर है जिससे नुकसान हो सकता है।
- सोया प्रोडक्ट से करें परहेज। हार्मोनल असंतुलन से पीड़ित हैं तो डेयरी उत्पादों से परहेज़ करें।