सूती कपड़े वाले होम मेड मास्क हैं ज्यादा सुरक्षित, रिसर्च का खुलासा
मास्क को लेकर हाल ही में एक अध्ययन में बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें बताया गया है कि होम मेड मास्क व्यावसायिक मास्क से ज्यादा कारगर हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस से बचना है तो चेहरे पर मास्क लगाने की आदत डालनी होगी। संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स के जरिए कोरोना का प्रसार होता है, इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मास्क कारगर उपाय है। सवाल ये उठता है कि कैसा मास्क पहना जाए, जिससे वायरस से बचाव किया जाए, साथ हीं गर्मी में स्किन पर भी असर नहीं हो। मास्क को लेकर हाल ही में एक अध्ययन में बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि होम मेड मास्क व्यावसायिक मास्क से ज्यादा कारगर हैं।
अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, घर के बने रजाई वाले कॉटन मास्क और रूमाल से बने मास्क व्यावसायिक रूप से उपलब्ध शंकु मास्क से अधिक प्रभावी होते हैं। घरेलू मास्क के प्रभावी होने का सबसे बड़ा कारण है मास्क का पैटर्न और उसकी मोटाई।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कपास के कपड़े से बनाया गए मास्क को इसके परीक्षण में इस्तेमाल किया, जिसमें मोटे धागे से बुनाई की गई थी। साथ में दो परतों को एक साथ सिलने के अलावा इसमें छिद्र भी काफी महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं ने मास्क को परखने के लिए सुझाव दिया कि मास्क के माध्यम से प्रकाश की ओर देखना चाहिए कि वो मास्क प्रकाश को कितने प्रभावी तरीके से रोकता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि कई परतों वाले सूती कपड़े के मास्क को पहनने से ड्रॉपलेट ज्यादा दूर तक वातावरण में नहीं फैल पाते। मास्क पहने संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकली संक्रमित बूंदें मात्र ढाई इंच तक ही फैल सकती हैं। अगर कोई एक मीटर की दूरी बनाकर खड़ा है तो उसे कॉर्टन मास्क लगाए व्यक्ति से संक्रमण नहीं होगा। प्रधान मंत्री मोदी ने भी अपने संबोधन में कई बार कहा कि घर से बाहर निकलते वक्त अनिवार्य रूप से मास्क पहनें। मास्क घर में कॉटन कपड़े का बना हो तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
Written By Shahina Noor