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Coronavirus & Men: महिलाओं के मुकाबले अधिक पुरुषों क्यों हो रहे हैं कोरोना वायरस के शिकार, सामने आई वजह!

Coronavirus Men COVID-19 यानी नए कोरोना वायरस के कारण होने वाली सांस की बीमारी में यह माना जाता है कि ACE2 फेफड़ों में संक्रमण को फैलाने का काम करता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 06:56 PM (IST)
Coronavirus & Men: महिलाओं के मुकाबले अधिक पुरुषों क्यों हो रहे हैं कोरोना वायरस के शिकार, सामने आई वजह!
Coronavirus & Men: महिलाओं के मुकाबले अधिक पुरुषों क्यों हो रहे हैं कोरोना वायरस के शिकार, सामने आई वजह!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus & Men: यूरोप में हुए एक बड़े अध्ययन में ये बात सामने आई कि पुरुषों के खून में एक विशेष एन्ज़ाइम की मात्रा महिलाओं की तुलना काफी ज़्यादा होती है, जिसका  उपयोग कोरोना वायरस कोशाणुओं को संक्रमित करने के लिए करता है। ये नया शोध इस बात को समझने में मदद करेगा कि महिलाओं की तुलना में क्यों अधिक पुरुष कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं।     

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एंजियोटेंसिन- कंवर्टिंग एंज़ाइम 2 यानी ऐस-2 (ACE2) नाम का कोशाणू दिल, किडनी और अन्य अंगों में पाया जाता है। COVID-19 यानी नए कोरोना वायरस के कारण होने वाली सांस की बीमारी में यह माना जाता है कि ACE2 फेफड़ों में संक्रमण को फैलाने का काम करता है।

ACE अवरोधक से नहीं है ख़तरा

यूरोपीय हार्ट जनर्ल में प्रकाशित हुए एक शोध में ये भी पाया गया कि ऐस अवरोधक या एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर (ARBs) की वजह से ACE2 की मात्रा नहीं बढ़ी है और इसलिए इसके सेवन से कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा नहीं है।

ACE अवरोधक और ARBs जैसी दवाएं दिल के मरीज़ों, डायबीटिक या किडनी के मरीज़ों को दी जाती हैं। दुनिया भर में इन दवाओं की बिक्री में अरबों डॉलर की हिस्सेदारी है। नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (UMC) में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर एडरायन वूर्स ने कहा, " इस शोध का मतलब ये नहीं है कि कोरोना वायरस के मरीज़ों के इलाज में इन दवाइयों को बंद कर देना चाहिए।"

अभी तक कोरोना वायरस से दुनियाभर में 42 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित पाय गए हैं और इस बीमारी से करीब तीन लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस से मृत्यु और संक्रमण के मामलों को देखा जाए तो महिलाओं की तुलना में पुरुष कहीं अधिक इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही कोविड-19 से संक्रमित पुरुषों की स्थिति ज़्यादा गंभीर भी हो जाती है।

वूर्स की टीम ने हज़ारों पुरुष और महिलाओं के आंकलन में खून में मौजूद ACE2 को मापा। ये खून के नमूने 11 यूरोपीय देशों के 35 हज़ार से ज़्यादा दिल के दौरा के मरीज़ों के थे। ये शोध कोरोना वायरस महामारी से पहले शुरू कर दिया गया था, इसलिए इस शोध में कोरोना वायरस के मरीज़ शामिल नहीं थे।  

पुरुषों में ACE2 की मात्रा कहीं ज़्यादा

हालांकि, जब ACE2 को कोरोना वायरस के संक्रमण से जोड़ कर देखा जाने लगा तो वूर्स और उनकी टीम ने शोध शुरू किया। इस शोध में शामिल डॉक्टर इज़िया सामा, ने बताया कि जब हमने पाया कि सबसे शक्तिशाली बायोमार्कर, ACE2, की मात्रा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कहीं अधिक पाई जाती है, तो हमें समझ आया कि यही वजह है कि महिलाओं से ज़्यादा पुरुष क्यों कोरोना वायरस के शिकार हो रहे हैं। 

क्या है ACE2

ACE2 कोशिकाओं की सतह पर एक रिसेप्टर है जो नए कोरोना वायरस को बांधता है और इसे कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने की अनुमति देता है। वूर्स और समा की टीम ने ये भी पाया कि ACE2 फेफड़ों के अलावा, दिल, किडनी, ऊतकों में रक्त वाहिकाओं अस्तर और खासकर वीर्यकोष में अधिक मात्रा में होता है।


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