हीट स्ट्रोक न बन जाए जानलेवा, लक्षणों की पहचान कर ऐसे करें बचाव
गर्मी में हीट स्ट्रोक एक आम समस्या है लेकिन ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। क्या हैं इससे लक्षण और कैसे बचें इससे जानें।
हीट एग्जॉशन गर्मी की एक आम समस्या है। यह तेज धूप या गर्मी में अधिक समय तक रहने से हो सकती है। आमतौर पर शरीर से पसीने के रूप में गर्मी निकलती रहती है लेकिन इस समस्या में शरीर का नेचुरल कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है, जिससे तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक हो सकता है। इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं। अगर शरीर का तापमान 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा होने लगते तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
कारण
* हीट स्ट्रोक तेज धूप या ज्यादा गर्मी में बाहर निकलने के कारण होता है। इससे शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है।
* थायरॉयड असंतुलन और शरीर में ब्लड शुगर के लेवल में कमी से (खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों को) ऐसा हो सकता है।
* एल्कोहॉल का सेवन करने, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग के अलावा एंटी-डिप्रेजेंट्स का नियमित इस्तेमाल करने से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है।
लक्षण
1. सिरदर्द होना
2. चक्कर आना
3. त्वचा व नाक का खुश्क हो जाना
4. ज्यादा पसीना आना
5. मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी
6. उल्टी आना
7. ब्लड प्रेशर बढ़ना
8. बेहोशी आना
9. व्यवहार में बदलाव आना या चिड़चिड़पान।
क्या करें
श्री बालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के फिजिशियन डॉ रमन शर्मा के मुताबिक हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पीएं। अगर एल्कोहॉल लेते हों तो इसे तुरंत बंद करें और तरबूज, नींबू पानी, नारियल पानी, लीची, कीवी, खरबूजा, अंगूर, छाछ आदि का सेवन करें। मरीज को कच्चे आम का पना और इलेक्ट्रॉल का घोल दें। चाय-कॉफी भूलकर भी न दें। मरीज को ठंडे पानी से स्नान कराएं।
ध्यान रखें
- गर्मियों के दौरान ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पीने से शरीर में नमक की कमी नहीं होगी।
- तला-भुना और भारी भोजन करने से बचें। इसके अलावा गर्मियों में बाहर के खाने से परहेज करें। हीट स्ट्रोक के मरीजों को हल्का भोजन देना चाहिए।
- तेज धूप में बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना ही हो तो अपने साथ पानी की बॉटल, नींबू, छाता, ग्लूकोज़, सनग्लॉसेज जरूर रखें।
- गर्मी के मौसम में ठंडे पानी में नींबू और चीनी-नमक मिलाकर पीने से हीट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
- दही का सेवन जरूर करें। प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें और हीट स्ट्रोक के मरीज को हर दो-तीन घंटे पर छाछ देते रहें। इससे हीट का प्रभाव कम होगा और मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।
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