Move to Jagran APP

Heart Health: संक्रमण से न बिगड़े दिल की सेहत, एक्सपर्ट से जानें उनके सुझाव

Heart Health हाल में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि सेप्सिस यानी चोट या घाव से होने वाले रक्त संक्रमण से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में एक्सपर्ट से जानें इसके उपाय-

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawPublished: Wed, 08 Feb 2023 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 10:00 AM (IST)
Heart Health: संक्रमण से न बिगड़े दिल की सेहत, एक्सपर्ट से जानें उनके सुझाव
Heart Health: संक्रमण से न बिगड़े दिल की सेहत, एक्सपर्ट से जानें उनके सुझाव

नई दिल्ली, ब्रह्मानंद मिश्र। Heart Health: जब शरीर में किसी तरह का संक्रमण होता है, तो पूरे शारीरिक तंत्र पर तनाव बढ़ जाता है। ऐसी दशा में हृदय को अधिक काम करना पड़ता है। हाल में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि सेप्सिस यानी चोट या घाव से होने वाले रक्त संक्रमण से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। सेप्सिस दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती होने और मौत के प्रमुख कारणों में से एक है।

loksabha election banner

सेप्टिसीमिया (बैक्टीरिया जनित रक्त संक्रमण) पूरे शरीर को प्रभावित करता है। अगर समय पर इसका उचित इलाज नहीं होता है, तो आर्गन फेल्योर का खतरा भी रहता है। हार्ट की नसों में जमा कोलेस्ट्राल भले ही अवरोध नहीं पैदा कर रहा हो, लेकिन संक्रमण होने पर यह भी प्रभावित करता है। इससे क्लाट बनने लगता है, जो अंतत: हार्ट अटैक का कारण बनता है। अगर कोई मधुमेह का रोगी है, तो भी हार्ट अटैक की आशंका रहती है। दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. नीरज पंडित ने कुछ तरीके सुझाए हैं।

संक्रमण से बचें

अगर कोई छोटा-मोटा घाव या चोट है, तो जरूरी नहीं कि उससे संक्रमण हो ही। इसके बावजूद इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर लंबे समय तक कोई घाव या चोट बनी रहती है और उस पर ध्यान नहीं दिया जाता, तो संक्रमण या सेप्टीसीमिया हो सकता है। रक्त में बैक्टीरिया के पहुंचने पर अलग-अलग अंग भी प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि समस्या के बढ़ने से पहले ही उसे रोकने के उपाय किये जाएं।

कैसे पहचानें

रक्त संक्रमण की दशा में मरीज के शरीर में कई तरह के लक्षण उभरते हैं-

-तेज बुखार

-डिहाइड्रेशन, उल्टी आना, पसीना आना आदि।

-एकाग्रचित होने में समस्या

-घाव से पस निकलना।

-संक्रमण की जगह पर लगातार दर्द, जैसे-लिवर में संक्रमण होने पर पेट में दर्द।

बचाव के उपाय

-किसी भी बीमारी के बचाव का पहला उपाय है सतर्कता और सही समय पर उपचार। घाव या चोट का इलाज अच्छे डाक्टर की निगरानी में करायें। अपने मन से घरेलू उपचार न करें। रक्त संक्रमण से बचने के लिए घाव का जल्द भरना जरूरी है, इसलिए घाव का सही उपचार कराएं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.