बच्चों की ग्रोथ में रुकावट बन सकते हैं फास्ट फूड्स, ऐसे रखें उन्हें फिट और एक्टिव
आज के दौर में छोटे बच्चों पर भी पढ़ाई का बहुत दबाव रहता है। ऐसे में हर मां चाहती है कि उसका बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में सबसे आगे रहे बल्कि दिनभर एक्टिव और चुस्त-दुरुस्त भी बना रहे।
हर मां यही चाहती है कि उसके बच्चे की याददाश्त क्षमता भी अच्छी रहे। इसके लिए वह अपने बच्चों को पौष्टिक नाश्ता देना चाहती है। हालांकि कई बार उसे यह समझ नहीं आता कि वह अपने बच्चों को किस प्रकार का नाश्ता दे जिससे उसका बच्चा सबसे एक्टिव रहे।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों की दिमागी शक्ति बढ़ाने के लिए उन्हें संतुलित आहार दें। इसकी वजह, कुछ आहार के सेवन से जहां हमारा दिमाग ज्यादा एक्टिव हो जाता है, वहीं कुछ आहार के सेवन से हमारा मस्तिष्क शिथिल हो जाता है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम बच्चों को ऐसा भोजन दें, जिनसे बच्चों का दिमाग सक्रिय बना रहे और वे एकाग्रता से काम करें साथ ही वे शांत और प्रसन्न भी रहें।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों को नाश्ते में केवल दूध देना ही पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए बच्चों को नाश्ते में दूध के साथ फल और अनाज देना भी जरूरी है जिससे उनके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व प्राप्त हो सकें। बच्चों को नाश्ते में दूध के साथ दलिया दें या दूध में कुछ फल, जैसे केला, चीकू आदि डालकर मिल्क शेक बनाकर दे सकती हैं। इसी प्रकार कभी पोहा, कभी उत्पम तो कभी कुछ। नाश्ता हमेशा बदल-बदलकर दें। इससे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और अन्य जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते रहेंगे।
वैराइटी के साथ हेल्थ का भी रखें ध्यान
दूध, दलिया के अलावा अखरोट, बादाम, खजूर, अंजीर, किशमिश, सेब या नाशपाती, एक गिलास संतरे का जूस, मूंगफली और गुड़ आदि दे सकती हैं। आप बच्चे को दूध के साथ कॉर्न फ्लेक्स या ढोकला भी दे सकती हैं। इसके अलावा नाश्ते में दाल या हरी सब्जियों के पराठे, मिस्सी रोटी भी दे सकती हैं। सुबह का नाश्ता वैसे तो हर एक के लिए, लेकिन बच्चों के लिए सबसे जरूरी है। जो उन्हें कई घंटे तक एनर्जी देने का काम करता है। हालांकि इस संदर्भ में यह जरूर ध्यान रखें कि नाश्ता हो या खाना उन्हें मैदे से बने खाद्य पदार्थ न के बराबर ही दें, मसलन बिस्कुट इत्यादि। कारण, इनसे कोई पौष्टिकता नहीं मिलती है साथ ही शरीर को इन्हें पचाने के लिए अधिक मात्रा में इंसुलिन रिलीज करना पड़ता है। मैदे से बने खाद्य पदार्थो के सेवन से बार-बार भूख लगती है साथ ही आलस्य भी अधिक आता है। इससे नींद भी बहुत लगती है।
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोटीन भी हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है। दूध व अनेक प्रकार की दालों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा अंकुरित अनाज में भी यह काफी मात्रा में पाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोयाबीन भी प्रोटीन का प्रमुख स्रोत है। इसलिए सोयाबीन और इससे बने विभिन्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है।
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