मिलेगा एक्सरसाइज का पूरा फायदा, जब होगी सही जानकारी
एक्सरसाइज का पूरा फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि हमें सही जानकारी हो। एक्सरसाइज के दौरान पसीना बहना जमकर डाइट लेना जैसी कई सारी चीज़ें हैं जिनसे लोग अंजान हैं। जानेंगे इन्हें।
एक्सरसाइज के जरिए न सिर्फ वजन पर नियंत्रण रखना मुमकिन है, बल्कि हडिड्यों की मजबूती, ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण और दिल की सेहत को दुरुस्त रखना संभव है। नियमित एक्सरसाइज से अवसाद और तनाव से भी दूरी बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके फलस्वरूप हार्ट अटैक, डिमेंशिया, डायबिटीज इत्यादि रोगों का खतरा कम होता है और उम्र बढ़ती है। इन बातों की पुष्टि अब तक विभिन्न अध्ययनों में हुई है, पर कई बार यह भी देखा गया है कि एक्सरसाइज से जुड़ी कुछ भ्रामक बातें लोगों के मन-मस्तिष्क में बैठ जाती हैं। वास्तव में एक्सरसाइज का भरपूर लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि हमें सही जानकारी हो।
1. मिथ: एक्सरसाइज के बाद शरीर में दर्द होना लाजमी है। ऐसा हो तभी उसका फायदा मिलता है।
फैक्ट: ऐसा नहीं है। अगर एक्सरसाइज करने के दौरान दर्द महसूस हो तो उसे वहीं रोक देना चाहिए। अत्यधिक दर्द महसूस होना किसी शरीर में अंदरूनी चोट पहुंचने का संकेत देता है। यह गलत तरीके से एक्सरसाइज किए जाने का परिणाम भी हो सकता है। अगर आपको यह पता है कि अंदरूनी चोट है और उसके इलाज के क्रम में डॉक्टर ने एक्सरसाइज करने की सलाह दी है तो बात अलग हो जाती है। लोग सोचते हैं कि इंटेंस वर्कआउट करने के बाद जब तक शरीर में दर्द न उठे तब तक असरकारी नहीं होती, लेकिन यह भ्रांति है। वास्तव में लगातार एक्सरसाइज करने से हमारा शरीर उसका अभ्यस्त हो जाता है। इसका एक अर्थ यह है कि हमारी मांसपेशियों में मजबूती आती है, इसलिए इंटेंस एक्सरसाइज करने के बाद दर्द महसूस नहीं होता। इसलिए अब वर्कआउट के बाद अगर मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द हो या शारीरिक रूप से असहज महसूस करें तो उस एक्सरसाइज को वहीं रोक दें। एक ब्रेक के बाद एक्सरसाइज करने पर पुन: दर्द हो तो आपको हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।
2. मिथ: एक्सरसाइज करने पर जब अत्यधिक पसीना निकलता है, तब वजन तेजी से कम होता है।
फैक्ट: यह धारणा गलत है। लोगों को लगता है कि जब पसीना निकलता है तो शरीर की चर्बी पिघलती है और वजन घटता है। स्वेट बेल्ट बनाने वाली कंपनियों के विज्ञापनों को देखकर फिटनेस कांशस युवतियों की इस धारणा को बल मिलता है, पर हकीकत तो यह है कि हमारे शरीर में उत्पन्न अत्यधिक गर्मी का बायोलाजिकल रिएक्शन होता है पसीना, जो शरीर के अंदरूनी तापमान को सामान्य करने और त्वचा को कूल डाउन करता है। यह फैट नहीं होता बल्कि स्वेट ग्लैंड्स द्वारा रिलीज लवण और अन्य तत्व होते हैं। एक्सरसाइज करने के दौरान अगर ज्यादा पसीना नहीं निकलता है तो इसका यह अर्थ नहीं होता कि वजन घटाने में वह मददगार नहीं होगी। इसके लिए एक्सरसाइज के साथ ही खानपान पर नियंत्रण रखें। कम कैलोरी इनटेक के साथ जब एक्सरसाइज करने पर हल्की थकान महसूस हो तो यह सामान्य है।
3. मिथ: वेट ट्रेनिंग, वेट लिफ्टिंग या डंबल उठाने वाली एक्सरसाइज करने से महिलाओं का शरीर पुरुषों की भांति दिखने लगता है।
फैक्ट: यह सोचना गलत है। सच तो ये है कि अगर आप बॉडी बिल्डिंग के लिए मांसपेशियां बनाने के इरादे से वेट लिफ्टिंग कर रही हैं तो ही यह परिणाम प्राप्त होगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक वेट ट्रेनिंग का असर महिलाओं और पुरुषों पर समान रूप से नहीं होता, क्योंकि दोनों के शरीर में अलग-अलग हॉर्मोन्स निकलते हैं। दरअसल पुरुषों के शरीर में टेस्टोटेरोन हॉर्मोन की अधिकता के कारण उनमें पुरुषोचित लक्षण दिखते हैं। इसी हारमोन की कारण वेट लिफ्टिंग का असर भी उनके शरीर पर अलग होता है। इसके बावजूद पुरुषों को भी बॉडी बनाने के लिए लंबी अवधि तक काफी कठिन वेट ट्रेनिंग करनी पड़ती है, तब उन्हें मनचाहा परिणाम हासिल होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर में टेस्टोटेरोन नामक हॉर्मोन काफी कम निकलते हैं, इसलिए वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज उनकी काया को पुरुषों सरीखा नहीं कर सकती। महिलाओं के लिए हफ्ते में कुछ दिन सीमित वेट ट्रेनिंग या वेट लिफ्टिंग करना लाभदायक है। इससे उनकी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। सीमित वेट लिफ्टिंग से महिलाओं के शरीर को टोन्ड लुक पाने में मदद मिलती है।