कोरोना वैक्सीन जल्दबाजी में विकसित नहीं करें, एक्सपर्ट्स ने दी सलाह
विशेषज्ञों ने कहा कि टीका बनाने में जल्दबाजी घातक हो सकती है। टीके का ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह कामयाब होना बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत समेत दुनियाभर के देश कोरोनावायरस का टीका बनाने में जुटे हैं। कई देश दावा कर चुके हैं कि उन्होंने कोरोना का टीका बना लिया है। इन सबके बीच भारत में कोरोना के टीके को लेकर विशेषज्ञों ने वैज्ञानिकों को सतर्क रहने को कहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि टीका बनाने में जल्दबाजी घातक हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जल्दबाजी में बनाया गया टीका लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। टीके का ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह कामयाब होना बेहद जरूरी है।
विषाणु रोग विशेषज्ञ और वेलकम न्यास/ डीबीटी इंडिया अलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद जमील ने कहा कि अगर चीजें दोषमुक्त तरीके से की जा जाए तो टीके का परीक्षण खास तौर पर प्रतिरक्षाजनत्व और प्रभाव जांचने के लिए चार हफ्ते में संभव नहीं है।
विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लांच की प्रक्रिया को गति देना या जल्द लॉन्च करने का वादा करना प्रशंसा के योग्य है, लेकिन यह सवाल महत्वपूर्ण है कि क्या हम बहुत ज्यादा जल्दबाजी कर रहे हैं। सीआईएसआर-आईआईसीबी कोलकाता में वरिष्ठ वैज्ञानिक रे ने कहा कि हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता देना नितांत आवश्यक है।
रे ने कहा कि कैसे इतनी छोटी सी अवधि निर्धारित की जा सकती है? कहां से यह सबूत मिला कि इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए यह अवधि पर्याप्त है? संभावित टीके की सुरक्षा और प्रभाव का क्या जो किसी भी दवा के विकसित करने का मौलिक चरण है? क्या प्री-क्लीनिकल अध्ययन भी पूरा किया गया? बहुत जल्दबाजी करने से खतरा पैदा हो सकता है।
मालूम हो कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला टीका 15 अगस्त तक बाजार में उतारने की घोषणा की थी, जिसे लेकर उम्मीद के साथ आशंकाएं भी हैं। हालांकि, अब माना जा रहा है ये टीका अगले साल लॉन्च होगा।
Written By Shahina Noor