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ये बीमारी इंसान की खूबसूरती को प्रभावित करती है, इस कीड़े के काटने से फैलती है!

Mosquito Bite पीत ज्वर एक वायरस से फैलता है जो हर साल करीब दो लाख लोगों को प्रभावित करता है इनमें सबसे ज्यादा लोग अफ़्रीका के होते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 01:18 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 12:16 PM (IST)
ये बीमारी इंसान की खूबसूरती को प्रभावित करती है, इस कीड़े के काटने से फैलती है!
ये बीमारी इंसान की खूबसूरती को प्रभावित करती है, इस कीड़े के काटने से फैलती है!

नई दिल्ली, जेएनएन। मच्छरों के डंक और उनसे फैलने वाली बीमारियों से आप दुनिया में कहीं भी नहीं बच सकते। बरसात के मौसम में मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां महामारी का रूप ले लेती हैं। खासकर ये बीमारियां दिन के समय में मच्छरों के काटने से होता है। हालांकि हम उन्हें ख़त्म करना चाहते हैं, लेकिन मच्छरों को ख़त्म कर देने का हमारे पारिस्थितकीय तंत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। मच्छरों के लार्वा पानी में पलते हैं और वयस्क मच्छर परागण के महत्वपूर्ण काम को अंजाम देते हैं। 

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यहां हम आपको बता रहे हैं डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के अलावा उन जानलेवा और बेहद ख़तरनाक बीमारियों के बारे में जो मच्छरों से होती हैं।

1. येलो फ़ीवर या पीत ज्वर

पीत ज्वर एक वायरस से फैलता है, जो हर साल करीब दो लाख लोगों को प्रभावित करता है, इनमें सबसे ज्यादा लोग अफ़्रीका के होते हैं। किसी व्यक्ति में इस वायरस का संक्रमण हो जाने के कुछ दिन बाद ही उसे पता चलता है।

शुरू में ठीक होने के लक्षण दिखाने के बाद इसके करीब 15 फ़ीसदी पीड़ित दूसरे और ख़तरनाक चरण में पहुंच जाते हैं, जिसमें मृत्युदर 50 फ़ीसदी है। इसके बाद पीड़ित व्यक्ति में पीलिया के लक्षण दिखाई देते हैं और लीवर में खराबी आने के वजह से उसकी त्वचा और आंखों का सफ़ेद हिस्सा पीला पड़ जाता है। ब्राज़ील की यात्रा पर जा रहे हर व्यक्ति को इसके लिए एक टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।

2. ला क्रोसे इंसेफेलाइटिस

मच्छर से पैदा होने वाले इस वायरस का नाम अमरीका के विस्कॉन्सिन राज्य के ला क्रोसे शहर के नाम पर पड़ा। जहां पहली बार 1963 में इस बीमारी का पता चला था। हालांकि यह काफी दुर्लभ बीमारी है। अमरीका में हर साल इसके केवल 80-100 मामले ही सामने आते हैं। इसके ज्यादातर शिकार बच्चे होते हैं। इसमें बुख़ार, सिरदर्द, मितली, उल्टी, थकान और सुस्ती होती है। इसके बहुत अधिक गंभीर होने पर कब्ज़, बेहोशी या कोमा और लकवे की शिकायत हो सकती है। 

यह पूरी तरह से इंसान की सुंदरता को प्रभावित करने वाली बीमारी है, जो मच्छरों से फैलती है। इसकी पहचान स्कॉटलैंड के पैट्रिक मैनसन ने चीन में अपने माली में की थी, जो कि फाइलेरिया से पीड़ित था। इसका शुरुआती स्तर पर इलाज लाभदायक हो सकता है। लेकिन इसके कृमि के वयस्क हो जाने पर उस पर दवाओं का प्रभाव नहीं पड़ता।

3. जिका वायरस

यह वायरस डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह मच्छरों से फैलता है। यह एक प्रकार का एडीज मच्छर ही है, जो दिन में सक्रिय रहते हैं। अगर यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है। मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका बुखार या वायरस फैलता है। 

जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते। लेकिन इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। जैसे थकान, बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकत्ते। यह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर किसी गर्भवती महिला को हो जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे को भी यह बुखार हो सकता है। जिस वजह से बच्चे के सिर का विकास रूक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी फैल सकता है।


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