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Smoking Risk: कम स्मोकिंग करने पर भी होता है स्ट्रोक का बड़ा ख़तरा

Smoking Risk अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो इनसान कभी -कभार भी स्मोकिंग करता है उसके भी स्ट्रोक से मरने की आशंका सामान्य लोगों की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 11:23 AM (IST)
Smoking Risk:  कम स्मोकिंग करने पर भी होता है स्ट्रोक का बड़ा ख़तरा
धूम्रपान ना सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक है बल्कि स्ट्रोक के लिए भी जिम्मेदार है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। दुनिया भर में स्मोकिंग के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन स्मोकिंग और ज्यादा लोगों के जीवन में जुड़ ही रही है। हम सब जानते हैं कि सिगरेट हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है, बावजूद इसके हम सिगरेट पीने से बाज नहीं आते। इसका नतीजा हमें अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो व्यक्ति कभी-कभार भी स्मोकिंग करता है, उसमें भी स्ट्रोक से मरने की आशंका सामान्य की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है। रिसर्च के मुताबिक स्मोकिंग के कारण सबरेक्नोएड हैमरेज subarachnoid hemorrhage (SAH) के कारण मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह हैमरेज दिमाग में खून के फैलने का एक प्रकार है। यानी दिमाग की नसों से खून रिसने लगता है। रिसर्च के मुताबिक चाहे व्यक्ति कम स्मोकिंग करता हो या ज्यादा दोनों मामले में मृत्यु दर अधिक पाई गई है। यह रिसर्च जर्मनी की हेलिंस्की यूनिवर्सिटी में की गई है।

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स्मोक के कारण धमनी में अकड़न आ जाती

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 16 हजार जुड़वा लोगों पर परीक्षण के बाद यह जानने की कोशिश की है कि क्या एसएएच किसी आनुवांशिकता का परिणाम है। रिसर्च में पाया गया कि यह बीमारी किसी भी तरह से आनुवांशिकता के कारण नहीं होती बल्कि इसकी मूल वजह स्मोकिंग है। कम स्मोक करने वालों में भी यही जोखिम देखा गया ।

एसएएस से स्ट्रोक आता है और फिर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इस रिसर्च में जुड़वे लोगों को इसलिए शामिल किया गया क्योंकि इसमें यह देखना था कि इसकी कोई आनुवांशिक वजह तो नहीं। रिसर्च के मुताबिक दो जुड़वा भाई जिसमें एक स्मोक करता था और एक नहीं, स्मोक करने वालों में स्ट्रोक का जोखिम कई गुना ज्यादा था।

श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ लेन होरोविज ने बताया कि इस रिसर्च से चौंकाने वाले परिणाम मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में देखा गया है कि स्मोकिंग करने वाले हाइपरटेंशन का शिकार हो जाते हैं और अंततः उन्हें स्ट्रोक हो जाता है। उन्होंने कहा कि स्मोकिंग के कारण धमनियों में अकड़न पैदा हो जाती जिससे स्टीफनेस बढ़ जाती है और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।  

               Written By :Shahina Noor


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