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COVID-19 & Lung Damage: कोरोना के अलक्षणी मरीज़ों के फेफड़ों को भी पहुंचता है गंभीर नुकसान!

COVID-19 Lung Damage कोरोना वायरस के अलक्षणी लोग अपने आपको काफी किसमतवाला मानते हैं क्योंकि उन्हें इस जानलेवा संक्रमण के आक्रमक इलाज से नहीं गुज़रना पड़ता।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:00 PM (IST)
COVID-19 & Lung Damage: कोरोना के अलक्षणी मरीज़ों के फेफड़ों को भी पहुंचता है गंभीर नुकसान!
COVID-19 & Lung Damage: कोरोना के अलक्षणी मरीज़ों के फेफड़ों को भी पहुंचता है गंभीर नुकसान!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। COVID-19 & Lung Damage: कोरोना वायरस जब शुरू हुआ तो उसके बारे में काफी कम जानकारी उपलब्ध थी। शोधकर्ता और मेडिकल कर्मी तेज़ी से बढ़ते इस वायरस से हैरान थे। कुछ समय बाद ही कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के अलक्षणी पॉज़ीटिव मामले भी सामने आने लगे। 

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कोरोना वायरस के अलक्षणी मामले

इस नई जानकारी से कई चीज़ें साफ हुईं, खासकर ये जानने में आसानी हुई कि मामले तेज़ी से कैसे बढ़ रहे हैं। हालांकि, अब भी ये साफ नहीं हुआ है कि अलक्षणी मामले संक्रमण फैलाते हैं या नहीं। कोरोना वायरस के टेस्ट में जो लोग पॉज़ीटिव पाए जाते हैं, उनमें से ज़्यादातर लोग अलक्षणी होते हैं यानी उनमें बीमारी के कोई लक्षण नज़र नहीं आते। 

कोरोना वायरस के अलक्षणी लोग अपने आपको काफी किसमतवाला भी मानते हैं, क्योंकि उन्हें इस जानलेवा संक्रमण के आक्रमक इलाज से नहीं गुज़रना पड़ता। साथ ही उन्हें लगता है कि वायरस उनके शरीर को ज़्यादा क्षति भी नहीं पहुंचा पाया। हालांकि, एक नई रिसर्च कुछ और ही कहती है।

कोरोना के एक मामले के बारे में बात करते हुए एक डॉक्टर ने बताया कि कैसे कोविड-19 से हए निमोनिया से एक मरीज़ की मौत हो गई, जबकि मेडिकल टीम ने उनका इलाज एहतियात के साथ किया था। वहीं, दूसरी तरफ कोरोना की एक मरीज़ को आईसीयू में वेंटीलेटर के लिए भेजा गया था, वो दिखने में बिल्कुल ठीक लग रही थी, लेकिन जब उसकी ब्लड ऑक्सीजन लेवल पर नज़र डाली तो वह बेहद कम था। डॉक्टर ये देख हैरान थे कि ये लड़की होश में कैसे है।

अलक्षणी मरीज़ों के फेफड़ों को हो सकता है नुकसान

चीन के वुहान में हुई रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के एक अलक्षणी मरीज़ के सीटी स्कैन में फेफड़ों में संक्रमण नज़र आया। जबकि कोरोना के गंभीर मामलों में भी फेफड़ों में ऐसा संक्रमण नहीं दिखता। कोरोना के अलक्षणी मामले कम नहीं हैं, लेकिन परेशानी की बात ये है कि अलक्षणी बीमारी भी फेफड़ों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रही है। साथ ही मरीज़ में निमोनिया या सांस की परेशानी से जुड़ा कोई लक्षण नज़र नहीं आता।  

लक्षणों का न दिखना न सिर्फ इसलिए जोखिम भरा है कि अनजाने में न जाने कितने लोग इससे संक्रमित होते हैं, बल्कि इसलिए भी कि ऐसे मामलों में अंगों को हो रहे नुकसान का इलाज नहीं हो पाता क्योंकि इसका पता ही नहीं चलता। कोरोना वायरस के अलक्षणी मामलों में अचानक मृत्यु या अंगों को क्षति पहुंचने का जोखिम काफी बड़ा है।


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