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Covid-19 After Effects: कोरोना से ठीक होने के बाद इन 4 साइड-इफेक्ट्स से जूझते हैं मरीज़

Covid-19 After Effectsइस शोध में पाया कि ज़्यादातर मरीज़ ठीक होने के बावजूद कुछ साइड-इफेक्ट्स से जूझ रहे थे। इन मरीज़ों में कोरोना से ठीक होने के बावजूद इस तरह के लक्षण देखे गए।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 02:43 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 02:43 PM (IST)
Covid-19 After Effects: कोरोना से ठीक होने के बाद इन 4 साइड-इफेक्ट्स से जूझते हैं मरीज़
Covid-19 After Effects: कोरोना से ठीक होने के बाद इन 4 साइड-इफेक्ट्स से जूझते हैं मरीज़

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 After Effects: इस शोध में कुल 100 मरीज़ों को शामिल किया गाय, जिन्हें आगे चलकर दो ग्रुप्स में बांट दिया गया। 32 लोगों को उस ग्रुप में रखा गया गंभीर तौर पर बीमार थे और अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे। वहीं, 68 मरीज़ ऐसे थे जिनके लक्षण बेहद हल्के थे और उन्हें आईसीयू की ज़रूरत नहीं थी। इस शोध के नतीजे जनर्ल ऑफ मेडिकल विरोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं।

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इस शोध में पाया गया कि ज़्यादातर मरीज़ ठीक होने के बावजूद कुछ साइड-इफेक्ट्स से जूझ रहे थे। इन मरीज़ों में कोरोना से ठीक होने के बावजूद इस तरह के लक्षण देखे गए:

थकावट

बीमारी से ठीक होने के बाद पहले जैसी ताकत पाने में कुछ समय लगता है, लेकिन कोरोना वायरस में देखा जा रहा है कि मरीज़ों को ठीक होने के कई हफ्तों, यहां महीनों बाद भी थकावट और कमज़ोरी महसूस होती है, जो एक चिंता का विषय बन गया है। न सिर्फ COVID से जुड़ी थकावट पर विशेषज्ञों ने काफी चर्चा की है, बल्कि अध्ययन में शामिल लगभग 60% रोगियों ने माना की ठीक होने के हफ्तों बाद भी उन्हें थकान, सुस्ती और कमज़ोरी महसूस हो रही थी। इसके अलावा, असंतुलित ऊर्जा के स्तर की वजह से भी रोगी मांसपेशियों में दर्द, सुइयों के चुभने जैसे दर्द जैसे लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं।

सांस लेने में तकलीफ

सांस लेने में तकलीफ और छाती में मरोड़ जैसा दर्द, कुछ ऐसे प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं जो यह बता सकते हैं कि आपका COVID संक्रमण कितना बुरा है। हालांकि, कुछ मरीज़ ऐसे भी हैं, जो संक्रमण से ठीक हो गए हैं, लेकिन सांस की तकलीफ लंबे समय तक रहती है। सांस लेने में तकलीफ, धड़कनो का तेज़ होना, कोविड-19 का दूसरा सबसे आम प्रभाव माना जा रहा है। 

याद्दाश्त का कमज़ोर होना

रोगियों में से एक-चौथाई लोग, जिनके कोविड-19 के लक्षण मध्यम या गंभीर थे, उन्होंने माना कि बीमारी से ठीक के बाद उन्होंने न्यूरोसाइकोलॉजिकल संबंधित लक्षण महसूस किए। रिकवरी सेंटर के अंदर और बाहर चल रही चीज़ें, रोगियों में मानसिक परेशानी, याद्दाश्त या व्यवहार से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। मौत का डर, दर्द, नींद न आना, एक ही जगह लेटे रहना या किसी से बात न कर पाना, अकेलापन, कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो कोरोना वायरस के मरीज़ों के लिए स्थिति को और भी मुश्किल बना देती हैं।

तनाव और बेचैनी

कोरोना वायरस महामारी के बाद लॉकडाउन ने हम सभी के ज़िंदगी में तनाव और बेचैनी को बढ़ा दिया है। जो लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए उनके लिए ऐसी स्थिति को झेलना और भी मुश्किल हो जाता है। ऐसा देखा जा रहा है कि बेचैनी और तनाव लंबे समय तक उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है।


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