हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये 3 योगासन
भस्त्रिका प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है और रक्त चाप नियंत्रित रहता है। जबकि शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है। साथ ही तनाव को दूर करने में भस्त्रिका प्राणायाम सहायक है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आधुनिक समय में High Blood Pressure आम समस्या बन गई है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें धूम्रपान करना, वजन अधिक होना, तनाव लेना, एक्सरसाइज न करना और खाने में नमक अधिक लेना आदि प्रमुख कारण हैं। इन चीज़ों में विशेष सुधार कर हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही आप रोजाना योग के जरिए भी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं और इसे कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना इन योगासन को जरूर करें। आइए जानते हैं-
बालासन करें
यह एक प्रकार से ध्यान मुद्रा का रूप है, जिसमें किसी बदलाव की जरूरत नहीं होती है। इसे करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है। इसके लिए सूर्य की ओर मुखकर अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सांस लेते वक्त अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। जबकि सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें। यह क्रम तब तक जारी रखें। जब तक आपकी हथेलियां ज़मीन को न छू जाएं।
भस्त्रिका प्राणायाम करें
इस योग को करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार तीव्र गति से होता है और रक्त चाप नियंत्रित रहता है। जबकि शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है। साथ ही तनाव को दूर करने में भस्त्रिका प्राणायाम सहायक है। इसके लिए पद्मानस की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। शरीर झुका और ढीला-ढाला न हो। इसके बाद लंबी लें और फेफड़ें में वायु को भर जाने दें। इसके बाद एकबार में तेज़ी से सांस छोड़ें।
सेतु बंधासन करें
इस योग को करने से रक्त चाप नियंत्रित रहता है। दिल के ब्लॉकेज़ को भी खोलने, वहीं दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है। इसके लिए समतल ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ज़मीन पर टीकाकर कमर को ऊपर उठाएं और हाथों को ज़मीन पर टिका दें। ध्यान रहें कि इस मुद्रा में आपका आधा धड़ ज़मीन पर रहें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।