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मामूली न समझें लो बीपी की समस्या, वजहों को जानें और समय रहते करें उचित उपाय

लो बीपी की समस्या को कई लोग मामूली समझकर इस पर ध्यान नहीं देते जो आगे चलकर और दूसरी समस्याओं को जन्म दे सकती है। बेहतर होगा इसकी वजहों को जानें और समय रहते इसका उचित इलाज करें।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 08:08 AM (IST)
मामूली न समझें लो बीपी की समस्या, वजहों को जानें और समय रहते करें उचित उपाय
अपना बीपी चेक करता एक स्वास्थ्य कर्मी

बीमारी चाहे कोई भी हो, उसकी जड में कहीं न कहीं तनाव जरूर होता है। जहां स्ट्रेस से कुछ लोगों का ब्लडप्रेशर बढ जाता है, वहीं इससे लो बीपी की भी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में मेडिटेशन फायदेमंद होता है। अपनी रुचि से जुडा कोई भी ऐसा कार्य करें, जिससे ब्रेन ऐक्टिव रहे। ऐसी गतिविधियों में भागीदारी बढाएं, जिनसे सच्ची खुशी मिलती हो।

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क्यों होता है ऐसा ब्लड प्रेशर

कई वजहों से हो सकती है लो ब्लड प्रेशर की समस्या 

डीहाइड्रेशन: डीहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी, जिसके कारण लंबे समय तक नॉजिया, वॉमिटिंग या डायरिया जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ज्य़ादा एक्सरसाइज, शारीरिक श्रम या लू लगने के कारण भी ऐसा हो सकता है। इससे दृष्टि में धुंधलापन और बेहोशी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

ब्लीडिंग: ज्य़ादा खून बहने से भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। चाहे यह ब्लीडिंग किसी एक्सीडेंट या ऑपरेशन की वजह से हो या किसी और कारण से। कई बार डिलिवरी के बाद भी खून की कमी से स्त्रियों में लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।

दिल से जुडी बीमारियां: दिल की मांसपेशियां कमजोर होने की स्थिति में भी हार्ट बहुत कम मात्रा में खून को पंप कर पाता है। इससे शरीर में रक्त-प्रवाह धीमी गति से होता है और व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। इससे हार्ट अटैक और दिल में इन्फेक्शन का भी खतरा बढ जाता है। हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज होने के अलावा दिल की धडकन धीमी होने की वजह से भी ब्लडप्रेशर लो हो जाता है।

गंभीर इन्फेक्शन: सेप्टिसीमिया या कोई गंभीर इन्फेक्शन होने पर भी बीपी तेजी से नीचे चला जाता है।

हाइपो थायरॉयडिज्म : जब थायरॉयड ग्लैंड से हॉर्मोन का सिक्रीशन कम हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी लो बीपी की समस्या हो सकती है। इन बातों का रखें ध्यान असमय और हेवी डाइट लेने से बचें। इससे बीपी लो हो जाता है क्योंकि ऐसी स्थिति में पाचन तंत्र की ओर रक्त का प्रवाह तेजी से होता है पर शरीर के अन्य हिस्सों में इसकी गति धीमी हो जाती है। इससे व्यक्ति को सुस्ती महसूस होती है। अगर लो बीपी की समस्या है तो आप अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे आलू, चावल, पास्ता और ब्रेड आदि की मात्रा कम कर दें।

इन चीज़ों का रखें ध्यान

- अगर आपको लो बीपी की समस्या हो तो कभी भी झटके के साथ न उठें। इससे चक्कर आने और गिरने का खतरा रहता है। हमेशा धीरे-धीरे अपने पोस्चर में बदलाव लाएं।

- अपनी डाइट में नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा केला, तरबूज, अनार और अंगूर जैसे फलों को प्रमुखता से शामिल करें। चुकंदर के जूस का नियमित सेवन भी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है।

- अपनी डाइट में जूस, छाछ, शिकंजी और लस्सी जैसे तरल पदार्थों की मात्रा बढाएं। ज्य़ादा से ज्य़ादा पानी पिएं।

- व्रत-उपवास से बचें और ज्य़ादा देर तक खाली पेट न रहें। हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर थोडा-थोडा खाते रहें। अगर ज्य़ादा कमजोरी महसूस हो तो तुरंत नींबू पानी में नमक-चीनी मिलाकर पिएं और अपने खानपान में नमकीन पदार्थों की मात्रा बढा दें।

- बादाम और किशमिश में मौजूद मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस लो ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में मददगार होते हैं। इसलिए रोजाना सुबह के वक्त नियमित रूप से पानी में भिगोए हुए 6-7 बादाम और 10-12 किशमिश का सेवन करें।

- अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका ब्लड प्रेशर हमेशा संतुलित रहेगा।


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