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कोरोना वायरस से बचने के लिए फेस शील्ड पहनते समय न करें यह गलती

विश्व स्वास्थ्य संगठन और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कई गाइडलाइंस जारी कर लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। इनमें मास्क पहनना शारीरिक दूरी का ख्याल रखना और साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 06:11 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 06:11 PM (IST)
कोरोना वायरस से बचने के लिए फेस शील्ड पहनते समय न करें यह गलती
मास्क और फेस शील्ड कोरोना वायरस से बचने के लिए सुरक्षा कवच है

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में संकट जैसा माहौल है। इस वायरस से संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस कई चरणों में हमला कर सकता है। इस समय कोरोना वायरस दूसरे चरण में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कई गाइडलाइंस जारी कर लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है।

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इनमें मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का ख्याल रखना और साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है। लोग सभी नियमों का पालन भी कर रहे हैं। इसके बावजूद जानकारी के अभाव के चलते लोगों से कई गलतियां हो जाती हैं। इनमें गलती एक फेस शील्ड पहनने के दौरान होती है। लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क और फेस शील्ड दोनों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फेस शील्ड पहनने के समय लोग अक्सर यह गलती दोहराते हैं। अगर आप भी फेस शील्ड इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है-

जैसा कि हम सब जानते हैं कि मास्क और फेस शील्ड कोरोना वायरस से बचने के लिए सुरक्षा कवच है। हालांकि, फेस शील्ड तभी कारगर साबित हो सकता है। जब आप फेस शील्ड के साथ मास्क पहनते हैं। अगर आप बिना मास्क के फेस शील्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे न केवल आप बल्कि आपके आसपास के लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

इस बात की पुष्टि जापान के एक शोध से होती है, जिसमें बताया गया है कि बिना मास्क के फेस शील्ड पहनने से संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फेस शील्ड के साथ मास्क जरूर पहनें। Riken Centre  के शोध से खुलासा हुआ है कि बिना मास्क के फेस शील्ड पहनना फायदेमंद नहीं है।

इस बारे में शोधकर्ता ने बताया कि आमतौर पर एरोसोल को पांच माइक्रोमीटर से कम में वर्गीकृत किया जाता है। जबकि यह सैकड़ों नैनोमीटर तक फैला रहता है। एरोसोल हवा में फैले ठोस अथवा तरल बूंदों या कणों को कहा जाता है। बड़ी बूंदों के लिए फेस शील्ड सुरक्षा कवच जैसा काम करता है। जबकि छोटी बूंदों को रोकने में यह कारगर साबित नहीं होता है।

इससे न केवल फेस शील्ड पहनने वाला व्यक्ति बल्कि उसके आसपास के लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही जबकि अलक्षणी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसके लिए जरूरी है कि जब भी आप फेस शील्ड यूज़ करें, तो मास्क जरूर पहनें। इससे आप और आपके आसपास के लोग संक्रमित होने से बच सकते हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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