कोरोना से बचाव के लिए रुपये की जगह डिजिटल पेमेंट करें, जानें-किस चीज पर कितनी देर रहता है वायरस
Digital Payment During Coronavirusचीन में हुए अध्ययन में पाया गया कि नोट पर कोरोना वायरस चार दिन तक जिंदा रहता है। आप भी इस अध्ययन पर ध्यान दें और डिजिटल लेनदेन को ही बढ़ावा दें।
नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं और हाथों को समय-समय पर सैनिटाइजर से साफ भी कर रहे हैं। लेकिन आप जानते हैं कि इतना काम करने से ही आप कोरोना से बचाव नहीं कर सकते। आपको पता है कि आपकी पॉकेट में जो नोट हैं, उनसे भी कोरोना वायरस फैल सकता है। आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि जो नोट आपकी पॉकेट में हैं, वो आपके पास आने से पहले किसी ऐसे संक्रमित व्यक्ति के पास से भी आ सकते हैं जिसे कोरोना है।
चीन में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि नोट पर कोरोना वायरस चार दिन तक जिंदा रह सकता है। आप भी इस अध्ययन को ध्यान से पढ़ें और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दें, ताकि आप कोरोना जैसी महामारी से महफूज रह सकें।
हॉन्ग-कॉन्ग यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने अलग-अलग वस्तुओं पर वायरस के जिंदा रहने की समय-सीमा के बारे में बताया है। इसमें बताया गया है कि नोट पर यह वायरस चार दिन तक जिंदा रह सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ये वायरस घर में इस्तेमाल होने वाले ब्लीच या साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने से मर जाता है।
अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतहों पर चार दिन तक चिपका रह सकता है। चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की बाहरी सतह पर हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। अनुसंधानकर्ताओं ने जांचने की कोशिश की कि यह वायरस सामान्य ताप पर विभिन्न सतहों पर कितनी देर संक्रामक रह सकता है। उन्होंने पाया कि प्रिंटिंग और टिशू पेपर पर यह तीन घंटे, जबकि लकड़ी या कपड़े पर यह पूरा एक दिन रह सकता है। कांच और बैंकनोट पर यह वायरस चार दिन तक, जबकि स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक पर चार से सात दिन के बीच रह सकता है। यह अध्ययन 'द लांसेट पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
रिजर्व बैंक कर चुका है डिजिटल पेमेंट लेनदेन की अपील
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पिछले दिनों से रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोगों को सलाह दी थी कि कोरोना से बचने के लिए डिजिटल लेनदेन बेहतर उपाय है। आरबीआई गवर्नर ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि इस महामारी से बचाव के लिए फिलहाल डिजिटल लेनदेन करें।
Written By Shahina Noor