Move to Jagran APP

Coronavirus Vaccine: क्या कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों को वैक्सीन से होते हैं गंभीर रिएक्शन?

Coronavirus Vaccine जो लोग हाल ही में कोरोना से उबरें हैं उन्हें एडवाइज़री वैक्सीन लगवाने से पहले कम से कम 90 दिनों तक इंतज़ार करने की सलाह देती है। ऐसा देखा गया है कि जो लोग कोविड-19 से रिकवर हुए हैं उनमें वैक्सीन के रिएक्शन कुछ ज़्यादा दिखते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 04:40 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 04:40 PM (IST)
Coronavirus Vaccine: क्या कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों को वैक्सीन से होते हैं गंभीर रिएक्शन?
क्या कोविड-19 से रिकवर हुए लोगों को वैक्सीन से होते हैं गंभीर रिएक्शन?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 Vaccine: कोविड-19 के बढ़ते म्यूटेंट को देखते हुए वैक्सीन लगवाना इस वक्त का सबसे ज़रूरी काम बन गया है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो वायरस से संक्रमित होकर रिकवर हुए हैं। जो लोग हाल ही में कोरोना से उबरें हैं, उन्हें एडवाइज़री वैक्सीन लगवाने से पहले कम से कम 90 दिनों तक इंतज़ार करने की सलाह देती है। वहीं, केस स्टडीज़ के साथ कई मामले ऐसे देखे गए हैं, जिससे ये साफ पता चलता है कि जो लोग कोविड-19 से रिकवर हुए हैं, उनमें वैक्सीन के रिएक्शन कुछ ज़्यादा दिखते हैं।

loksabha election banner

उदाहरण के तौर पर, वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स भी उन लोगों में ज़्यादा दिखते हैं, जो हाल ही में कोविड से रिकवर हुए हैं। लेकिन ऐसा क्यों होता है?

वैक्सीन के गंभीर रिएक्शन

एक वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को रोगजनक को पहचानना या एक संक्रामक संक्रमण के खिलाफ एक्शन लेना सिखाती है, जिसे आनुवंशिक निर्देशों या प्रोटीन के माध्यम से एक संशोधित रूप में इंजेक्ट किया जाता है। इस तरह 'प्रशिक्षण' हमारे शरीर को कुछ इंफ्लामेंट्री प्रतिक्रियाओं को दूर करने के लिए प्रेरित करता है, जिन्हें हम साइड-इफेक्ट्स के रूप में जानते हैं। इन प्रतिक्रियाओं को आमतौर पर शरीर में बी-कोशिकाओं और प्रतिरक्षा टी-कोशिकाओं द्वारा ट्रिगर किया जाता है।

अब, वैक्सीन लगने के बाद हम जिन साइड-इफेक्ट्स का अनुभव करते हैं, वे लोगों को अलग तरह से प्रभावित करते हैं, कुछ लोगों को हल्के रूप में, जबकि कुछ को अधिक तीव्र प्रतिक्रिया महसूस होती है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के रोगज़नक़ के प्रति प्रतिक्रिया करने के तरीके से अलग है।

साइड-इफेक्ट्स भी अलग तरह से प्रभावित हो सकते हैं। अगर प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से ही वायरस के बारे में जानती है या किसी तरह से इसका सामना कर चुकी है। यही कारण है कि कई लोगों का मानना है कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं उनमें वैक्सीन की ज़्यादा दिखती है। यह सिस्टम में मेमोरी-बी कोशिकाओं द्वारा निभाई गई भूमिका है।

क्या वैक्सीन के गंभीर साइड-इफेक्ट्स की चिंता करनी चाहिए?

ज़्यादातर लोगों को कोविड वैक्सीन के हल्के साइड-इफेक्ट्स महसूस होते हैं, जो एक-दो दिन में अपने आप चले भी जाते हैं। हालांकि, गंभीर साइड-इफेरक्ट्स होने पर आपको दवाओं की मदद लेनी पड़ सकती हैं और इन्हें जाने में लंबा समय भी लग सकता है। जिन लोगों ने कोविड रिकवरी के बाद वैक्सीन लगवाई, उन्हें सिर दर्द, हाथ में दर्द और अस्वस्थता लंबे समय तक महसूस हुई।

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि गंभीर साइड-इफेक्ट्स को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। वैक्सीन के गंभीर रिएक्शन के पीछे प्रमुख कारणों में से एक यह भी है कि कोविड​​​​-19 के ठीक होने वाले रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से ही वायरस के प्रति प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार होती है, और फिर वैक्सीन लगने पर इसकी प्रतिक्रिया बढ़ जाती है।

आपको कब अलर्ट हो जाना चाहिए?

वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स हर व्यक्ति में अलग तरह के हो सकते हैं, लेकिन फिर भी आपको यह ज़रूर जानना है कि किस तरह के साइड-इफेक्ट्स पर डॉक्टर से सलाह ज़रूरी हो जाएगी। वैक्सीन लगने के 5 दिन बाद भी साइड-इफेक्ट्स कम या ख़त्म नहीं होते, तो मेडिकल मदद ज़रूर लें। वैक्सीन के बाद अगर सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी, घाव, सूजन या त्वचा से जुड़े दूसरे रिएक्शन या कई मामलों में व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है, अगर ऐसा होता है, तो बिना वक्त ज़ाया करे फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.