सिर चकराना कोई बड़ी समस्या नहीं लेकिन हो सकता है कई गंभीर बीमारियों का संकेत, हल्के में न लें इसे
सिर चकराने या डिजीनस को अकसर लोग गंभीरता से नहीं लेते। वास्तव में यह कोई बीमारी नहीं बल्कि एक ऐसा लक्षण है जो कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। क्यों होता है ऐसा जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
जब भी लोग सेहत के बारे में बातचीत करते हैं तो उस दौरान सिर चकराने, आंखों के आगे अंधेरा छाने और बेचैनी जैसे लक्षणों का जिक्र अकसर सुनने को मिलता है। तो इस समस्या को हल्के में लेने की गलती पड़ सकती है भारी क्योंकि ये कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है।
कारणों और लक्षणों के आधार पर सिर के चकराने की अवस्था को चार भागों में बांटा जा सकता है.
बेहोशी
पानी की कमी, दिल की धड़कन में उतार-चढ़ाव, हाई ब्लड प्रेशर की अधिक दवाएं लेने या नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने पर भी व्यक्ति को चक्कर आता है। ऐसी स्थिति में आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
असंतुलन
अंदरूनी कान में गड़बड़ी, सेरेब्रल स्ट्रोक, अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन, पार्किंसन्स, दृष्टि में कमजोरी या सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस होने पर भी लोगों में चक्कर आने और लड़खड़ाने की समस्या होती है, जिससे कभी-कभी चलते समय गिरने का भी खतरा होता है।
वर्टिगो
यह एक गंभीर स्थिति है। ऐसे में डिज़ीनस की तीव्रता इतनी अधिक होती है कि इससे पीड़ित व्यक्ति चल-फिर नहीं पाता। ऐसे असंतुलन और चक्कर के दौरे कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक जारी रहते हैं। अंदरूनी कान या सेंट्रल नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी इसकी प्रमुख वजह है। यात्रा के दौरान होने वाली घबराहट, लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना, माइग्रेन या कान के अंदरूनी हिस्से में मौजूद फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाने की वजह से भी लोगों को ऐसी समस्या हो सकती है। इसमें सिर चकराने के साथ वोमिटिंग भी हो सकती है।
बेचैनी
कई बार लोगों को बहुत घबराहट और बेचैनी महसूस होती है। किसी भी तरह लेटने या बैठने पर उन्हें आराम नहीं मिलता। पैनिक अटैक या ब्लड प्रेशर क उतार-चढ़ाव की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानी
वैसे तो किसी भी व्यक्ति को डिज़ीनस हो सकती है, लेकिन स्त्रियों में इसके लक्षण ज्यादा नजर आते हैं क्योंकि उनके शरीर में हॉर्मोन संबंधी असंतुलन की समस्या अधिक होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी हॉर्मोन संबंधी उतार-चढ़ाव की वजह से कुछ स्त्रियों को चक्कर आते हैं। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट से भी कुछ स्त्रियों को डिज़ीनस हो सकती है।
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