डायबिटीज रोगी हो जाएं सतर्क, स्वाद व सुगंध को प्रभावित कर रहीं मधुमेह की दवाएं
कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के रिसर्च के चीफ गाइड प्रो. विशाल गुप्ता ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह पीड़ितों को लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने से स्वाद सुगंध कोशिकाएं और तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं।
कानपुर, ऋषि दीक्षित। अनियंत्रित मधुमेह पीड़ितों को लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने से स्वाद (टेस्ट), सुगंध (स्मेल) कोशिकाएं (सेल) और तंत्रिकाएं (नर्व) प्रभावित होती हैं। इसके कारण जीभ एवं नाक से दिमाग (ब्रेन) को जाने वाली सूक्ष्म तंत्रिकाएं सूखने लगती हैं और ब्रेन को संदेश नहीं मिलने से खट्टे-मीठे व तीखे स्वाद का पता ही नहीं चलता है। यह अहम तथ्य गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग में हुए रिसर्च में आया है। विश्व में अपनी तरह की इस पहली रिसर्च को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल ने जुलाई 2022 के अंक में प्रकाशित किया है।
अक्सर स्वाद और सुगंध न मिलने की शिकायतें लेकर मरीज इलाज के लिए एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में आते हैं। वे बताते हैं कि सब्जी, दाल या अन्य भोजन खट्टा, मीठा अथवा नमकीन है, हमें इसका स्वाद ही नहीं मिल पाता है। इस वजह से पति-पत्नी में कई बार झगड़े भी होते हैं। ऐसे मरीजों की संख्या बढऩे पर इसका कारण जानने के लिए प्रोफेसर डा. विशाल गुप्ता ने रिसर्च के लिए ओपीडी और इनडोर में आए 350 मरीजों को चिह्नित किया।
स्क्रीनिंग के लिए कराईं जरूरी जांचें
रिसर्च से पहले सभी मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए जरूरी जांचें कराई गईं। इसमें खाली पेट ब्लड शुगर और खाने के एक घंटे बाद ब्लड शुगर की जांच, शरीर में मधुमेह का तीन महीने का स्तर जानने को एचबीए1सी, लिपिड प्रोफाइल, किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी) और लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) व न्यूरोलाजिकल टेस्ट किया गया।
रिसर्च में शामिल हुए 200 मरीज
स्क्रीनिंग के बाद इस रिसर्च के लिए 200 मरीज चयनित किए गए। उन पर अगस्त 2019 से लेकर अक्टूबर 2020 तक रिसर्च किया गया, इनकी मधुमेह अनियंत्रित थी। लंबे समय से दवाएं चलने के बाद भी मधुमेह का स्तर तीन से चार सौ के बीच रह रहा था और एचबीए1सी भी आठ से नौ के बीच पाया गया।
इसलिए स्वाद व सुगंध का नहीं चलता पता
एक साल तक रिसर्च के बाद एक साल तक उनकी निगरानी की गई तो पता चला कि अनियंत्रित मधुमेह और दवाओं के सेवन से स्वाद व सुगंध की ग्रंथियां सूखने से वासा नर्वोसा की समस्या होती है। जिसमें जीभ और नाक से ब्रेन तक जाने वाली सूक्ष्म नसें जो मुख्य नसों के अंदर से होते हुए गुजरती हैं। इनके सूखने और क्षतिग्रस्त होने से मस्तिष्क को संदेश नहीं पहुंच पाते हैं।
यह रिसर्च कोरोना काल के दौरान हुआ। इसमें स्वाद व सुगंध न मिलने की शिकायत वाले मरीजों को शामिल किया गया, जिनकी मधुमेह अनियंत्रित होने से लंबे समय से दवाएं चल रही थीं। विश्व में मधुमेह की वजह से स्वाद व सुगंध प्रभावित होने वाला यह पहला रिसर्च है, जिसे ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल डायबिटीज इपिडिमियोलाजी एंड मैनेजमेंट ने जुलाई 2022 के अंक में प्रकाशित किया है।
प्रो. विशाल गुप्ता