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Diabetes Diet: क्या मांस और डेयरी प्रोडक्ट बढ़ाते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा?

Diabetes Diet मरीजों को हृदय रोग स्ट्रोक गुर्दे की विफलता दृष्टि की हानि पैर और अंग विच्छेदन के साथ न्यूरोपैथियों के लिए जोखिम का अनुभव होता है। इसलिए डायबिटीज़ से बचाव और इलाज ही आज सबसे ज़्यादा ज़रूरी बन गया है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 12:00 PM (IST)
Diabetes Diet: क्या मांस और डेयरी प्रोडक्ट बढ़ाते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा?
क्या मांस और डेयरी प्रोडक्ट बढ़ाते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes Diet: डायबिटीज़ एक गंभीर और लंबी चलने वाली बीमारी है, जो लोगों को कई तरह से प्रभावित करती है। मधुमेह से जुड़ी जटिलताएं जीवन की गुणवत्ता और दीर्घायु दोनों को प्रभावित करती हैं।

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मरीजों को हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता, दृष्टि की हानि, पैर और अंग के एम्प्यूटेशन के जोखिम का अनुभव होता है। इसलिए डायबिटीज़ से बचाव और इलाज ही आज सबसे ज़्यादा ज़रूरी बन गया है। 

मौजूदा महामारी के दौरान, हम देख रहे हैं कि जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, उनमें कोविड-19 की गंभीर जटिलताओं का जोखिम किस तरह बढ़ जाता है और यहां तक कि मौत का ख़तरा भी। पिछले कुछ समय में, दुनियाभर में टाइप-2 डायबिटीज़ का कहर तेज़ी से बढ़ा है, जो अब नियंत्रण से बाहर होता दिख रहा है। साल 2019 में दुनियाभर में 46 करोड़ से ज़्यादा लोग डायबिटीज़ की चपेट में आ चुके थे।  

भारत शीर्ष तीन देशों में से एक है, जहां सबसे अधिक संख्या में लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। साल 2019 में यहां डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों की संख्या 7 करोड़ से ज़्यादा थी। साल 2030 तक, ये संख्या बढ़कर 10 करोड़ से ज़्यादा हो सकती है। 

क्या मांस और डेयरी प्रोडक्ट बढ़ाते हैं डायबिटीज़ का ख़तरा?

इस सवाल का जवाब है, हां। ज़रूरत से ज़्यादा मांस और डेयरी प्रोडक्ट का सेवन डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ा देता है। विश्व स्वास्थ्य संग के मुताबिक, टाइप-2 डायबिटीज़ ख़राब लाइफस्टाइल और मांस के ज़रिए ज़्यादा फैट व कोलेस्ट्रोल के सेवन का नतीजा होती है। रेड या प्रोसेस्ड मांस, डेयरी प्रोडक्ट और मीठे का ज़्यादा सेवन डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ाता है। ये ख़तरा और भी बढ़ जाता है जब व्यक्ति मोटापे से भी पीड़ित हो। 

एक शोध में लोगों की खाने की आदतों का 17 सालों तक अध्ययन किया गया और पाया कि जो एक हफ्ते में एक बार भी मांस का सेवन करते हैं, उनमें मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन ने एक अन्य अध्ययन प्रकाशित किया जिसमें इंसुलिन और ग्लूकोज पर लाल मांस (बीफ, पोर्क, मटन, वील, आदि) और डेयरी के प्रभाव पर चर्चा की गई।

इस रिसर्च में देखा गया कि मांस, डेयरी और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ, जब एक लंबे समय तक लिए जाते हैं, तो वे शरीर में रक्त शर्करा, ग्लूकोज़ चयापचय, और वसा को प्रभावित करते हैं।

क्या सब्ज़ियों से युक्त डाइट बचा सकती है डायबिटीज़ से?

कई शोध में पाया गया है कि जो लोग अपनी डाइट में सब्ज़ियों, फलों और अनाज को शामिल करते हैं, उनमें डायबिटीज़ होने का जोखिम कम हो जाता है। ब्रिटिश डायबिटिक एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित एक नैदानिक ​​रूप से नियंत्रित अध्ययन में पाया गया कि मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए एक कैलोरी-प्रतिबंधित शाकाहारी भोजन सबसे अच्छा विकल्प है। परीक्षण से पता चला कि व्यायाम के साथ शाकाहारी भोजन के सेवन से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हुआ और आंत की वसा में भी कमी आई।

पौध-आधारित आहार के लाभों में स्वस्थ शरीर के वजन को बढ़ावा देना, फाइबर में वृद्धि, और फाइटोन्यूट्रिएंट्स और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार शामिल हैं। मोटापा जाने से टाइप-2 डायबिटीज़ होने का ख़तरा कम हो जाता है और, जिन लोगों को पहले से डायबिटीज़ है उनमें ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार होता है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी या फिर अपनी डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से ज़रूर सलाह लें।


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