किसी भी उम्र में हो सकता है डायबिटीज, जानें इसकी वजहें, लक्षण, बचाव व उपचार
डायबिटीज अब सिर्फ उम्रदराज लोगों की ही बीमारी नहीं रह गई है अब इसकी पहुंच बच्चों और युवाओं तक भी हो गई है। तो कैसे इसे बचें और क्या है इसका उपचार जानेंगे यहां।
चिंताजनक बात यह है कि दो दशक पहले तक 40 साल की उम्र के बाद लोगों में डायबिटीज के लक्षण नजर आते थे लेकिन अब युवा और बच्चे भी ऐसी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।
क्या है मर्ज
पैनक्रियाज से इंसुलिन नामक हॉर्मोन का स्त्राव होता है, जो भोजन से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट, शुगर और फैट को एनर्जी में बदलने और ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है। कई बार शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग सही ढंग से काम नहीं कर पाता, जिससे इंसुलिन का बनना कम हो जाता है, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और इसी अवस्था को डायबिटीज कहा जाता है।
क्या है वजह
चीनी, मैदा, चावल, आलू, घी-तेल, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स और एल्कोहॉल का अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है। अनियमित दिनचर्या, एक्सरसाइज की कमी और तनाव को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। आनुवांशिकता भी इसकी प्रमुख वजह है, डायबिटीज टाइप-1 के लिए इसे ही जिम्मेदार माना जाता है।
प्रमुख लक्षण
बार-बार भूख-प्यास लगना और टॉयलेट जाना, अनावश्यक सुस्ती महसूस होना, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना, हाथ-पैरों में झनझनाहट आदि।
क्या है नुकसान
शरीर के ब्लड वेसेल्स की कोशिकाएं तेजी से नष्ट होने लगती हैं। इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। कि़डनी और लिवर की कार्यक्षमता कमजोर होने लगती है। आंखों के रेटिना पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है, जिससे दृष्टि कमजोर पड़ने लगती है। इससे व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इतना कमजोर होता है कि डायबिटीज होने की स्थिति किसी जख्म को भरने में काफी वक्त लग जाता है।
कैसे करें बचाव
1. संतुलित डाइट अपनाएं।
2. चीनी, घी-तेल, जंक फूड, एल्कोहॉल और सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूर रहें।
3. नियमित एक्सरसाइज से बढ़ते वजन को कंट्रोल करें।
4. रोजाना कम से कम 10.000 कदम पैदल जरूर चलें।
5. अपने भोजन से कार्ब्स यानि रोटी-चावल की मात्रा को घटाकर प्रोटीन युक्त चीजों जैसे दाल, स्प्राउट्स और हरी सब्जियों को प्रमुखता से शामिल करें।
क्या है उपचार
शुरूआती दौर में दवाओं से उपचार किया जाता है लेकिन स्थिति गंभीर होने पर मरीज को इंजेक्शन के जरिए इंसुलिन देने की भी जरूरत पड़ती है।