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Decrease Life Expectancy: कोरोना के कहर से दुनिया भर में घट जाएगी जीवन की प्रत्याशा

Decrease Life Expectancy वैज्ञानिकों का मानना है कि हलांकि दुनिया भर में 1 से 2 प्रतिशत लोगों को ही कोविड-19 का संक्रमण है लेकिन इससे औसत जीवन प्रत्याशा में कमी हो जाएगी। 1918 के फ्लू महामारी में प्रभावित देशों में 11 साल तक जीवन प्रत्याशा कम हो गई थी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 04:20 PM (IST)
Decrease Life Expectancy: कोरोना के कहर से दुनिया भर में घट जाएगी जीवन की प्रत्याशा
कोरोना की वजह से घट जाएगी जीवन प्रत्याशा

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 के कहर से दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा घट जाएगी। जिन देशों में कोविड का ज्यादा प्रकोप है, वहां इसका असर ज्यादा देखा जाएगा। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम एनालिसिस के वैज्ञानिकों का मानना है कि हलांकि दुनिया भर में 1 से 2 प्रतिशत लोगों को ही कोविड-19 का संक्रमण है लेकिन इससे औसत जीवन प्रत्याशा में कमी हो जाएगी। 1918 के फ्लू महामारी में प्रभावित देशों में 11 साल तक जीवन प्रत्याशा कम हो गई थी।

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वैज्ञानिकों के इस अध्ययन के पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में कोविड-19 से होने वाली मृत्यु के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में मृत्यु दर के प्रभाव की कई संभावनाओं पर अध्ययन किया। अध्ययन में यह देखा गया कि क्या कोरोना वायरस संक्रमण के बाद रोगियों की मृत्यु का कारण वायरस ही है या और कुछ कारक है। जिस व्यक्ति को कोरोना हुआ है उसके पिछले एक साल का रिकॉर्ड भी खंगाला गया। हरेक उम्र के लोगों पर अलग अलग तरह के कोविड ने किस तरह प्रभाव डाला।

1918 के एंफ्लुएंजा में अमेरिका में 11 वर्ष तक घट गई थी जीवन प्रत्याशा

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि उन देशों में जहां जीवन प्रत्याशा बहुत ऊंची है, वहां संक्रमित 2 प्रतिशत की दर से जीवन प्रत्याश घट सकती है। इस लिहाज से अमेरिका और यूरोपीय देशों में जीवन प्रत्याशा पर असर पड़ सकता है क्योंकि इन देशों में जीवन प्रत्याश आमतौर पर 80 साल है। शोधकर्ताओं ने 1918 में इंफ्लूएंजा और 2014 में इबोला महामारी के दौरान लोगों के जीवन पर पड़े प्रभावों से वर्तमान महामारी की तुलना की। 1918 में इंफ्लूएंजा महामारी से दुनिया भर में 50 करोड़ लोगों की मौत हुई थी जिनमें भारत में 1.5 करोड़ और अमेरिका में 6.75 लाख लोगों की मौत हुई थी। इस महामारी के दौरान तब अमेरिका में वहां के लोगों में औसतन 11.8 वर्ष जीवन प्रत्याश कम हो गई थी। 2014 में इबोला से कुछ अफ्रीकी देशों में जीवन प्रत्याशा 1.6 से 5.6 वर्ष घट गई थी। इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता शंघाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गुलियामे मेरोएस ने बताया कि यह अध्ययन अपने प्रकार का पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें कोविड के प्रभावों को जीवन प्रत्याशा को विभिन्न स्तरों तक परखा गया है। 

                   Written By: Shahina Noor


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