Coronavirus Vaccine: 6 महीने दूर है कोरोना वायरस की सुरक्षित और कारगर वैक्सीन!
Coronavirus Vaccine सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक सुरक्षित और सस्ती कोरोनावायरस वैक्सीन के विकास को गति देने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की है।
By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 04:59 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Vaccine: एक तरफ पूरी दुनिया के साथ भारत में भी कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पुणे स्थित भारत की प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को उम्मीद है कि कम से कम छह महीने में वैक्सीन लोगों के इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक सुरक्षित और सस्ती कोरोनावायरस वैक्सीन के विकास को गति देने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की है। इस निजी कंपनी ने पहले ही परीक्षण और प्रारंभिक चरण परीक्षण शुरू कर दिया है ताकि "सुरक्षित" वैक्सीन के शुरुआती प्रोटोटाइप जल्द से जल्द उपलब्ध हो सकें।
वैश्विक स्तर पर, COVID-19 के मामले एक करोड़ के पार पहुंच चुके हैं, जिसमें 549,846 लोगों की जान जा चुकी है।
कंपनी के सीईओ ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया है कि जब वैक्सीन बनाने का काम चल रहा था, तो शोधकर्ता किसी जल्दबाज़ी में नहीं थे और एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन का उत्पादन करना चाहते थे।
"एक बार हम भारत और दुनिया के लिए एक सुरक्षित और अच्छे वैक्सीन के प्रति आश्वस्त हो जाएंगे और हमें ड्रग कंट्रोलर (DCGI) द्वारा लाइसेंस मिल जाए, तो हम निश्चित रूप से इसकी घोषणा करेंगे, लेकिन इसमें अभी भी कम से कम छह महीने का समय लगेगा।"
"हम उम्मीद कर रहे हैं कि साल के अंत में, वैक्सीन आ जाएगी। इसलिए हम तब चर्चा करेंगे जब प्रोडक्ट के ट्रायल का तीसरा चरण शुरू होगा। हाल ही में, एक और उम्मीदवार वैक्सीन के बारे में खबरें आई थीं, जिसे जल्दबाज़ी में लाया जा रहा है। हम वैक्सीन के मामले में जल्दीबाज़ी नहीं करना चाहते, क्योंकि हमें एक सुरक्षित और कारगर वैक्सीन चाहिए।"
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राज़ेनेका समर्थित वैक्सीन मॉडल इस वक्त ट्रायल के दूसरे-तीसरे चरण के बीच है। पूर्व-क्लीनिकल और इसके प्रोटोटाइप के शुरुआती परीक्षणों में आशाजनक परिणाम दिखाए गए हैं।
यह कहा जा रहा है कि वैक्सीन, मानव नैदानिक परीक्षण चरण में प्रवेश करने वाले पहली वैक्सीन है और अगर इसे समय पर स्वीकृति मिल जाती है, तो बाज़ार में आने वाली कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन होगी।
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