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Coronavirus Vaccine: कैसे काम करती है नेज़ल वैक्सीन? क्या डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ होगी असरदार?

Coronavirus Vaccine हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित नेज़ल वैक्सीन को गेम-चेंजर माना जा रहा है। आपको बता दें कि भारत बायोटेक ने ही कोवैक्सीन भी बनाई है। नेज़ल वैक्सीन को हाल ही में फेज़ 2 और 3 के ट्रायल्स के लिए अनुमति मिली है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 09:48 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 09:48 AM (IST)
Coronavirus Vaccine: कैसे काम करती है नेज़ल वैक्सीन? क्या डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ होगी असरदार?
कैसे काम करती है नेज़ल वैक्सीन? क्या डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ होगी असरदार?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Vaccine: कोविड-19 के नए-नए वैरिएंट से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अधिक कुशल वैक्सीन की तलाश करने के लिए चिकित्सा समुदाय के सामने एक नई चुनौती है। इस वक्त दुनिया भर में जो वैक्सीन उपलब्ध हैं, वे नए वेरिएंट के खिलाफ कुछ कम प्रभावी मानी जा रही है, जिसकी वजह से वैक्सीन डेवलपर्स को एक मज़बूत वैक्सीन की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

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सभी वैक्सीन के ट्रायल और टेस्टिंग के बीच, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित नेज़ल वैक्सीन को गेम-चेंजर माना जा रहा है। आपको बता दें कि भारत बायोटेक ने ही कोवैक्सीन भी बनाई है। नेज़ल वैक्सीन को हाल ही में फेज़ 2 और 3 के ट्रायल्स के लिए अनुमति मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि नेज़ल वैक्सीन शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को वायरस के खिलाफ मज़बूती देती है।

नेज़ल वैक्सीन और इंटरा-मसक्यूलर वैक्सीन में क्या है फर्क?

दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, वे इंट्रामस्क्युलर हैं। इसका मतलब यह हुआ कि उन्हें इंजेक्शन के ज़रिए मांसपेशियों में सही गहराई तक पहुंचाया जाता है। यह आधुनिक चिकित्सा में एक सामान्य प्रथा है, जो दवा को रक्तप्रवाह में जल्दी से अवशोषित करने में मदद करता है।

नेज़ल वैक्सीन की डोज़ को मुंह या फिर मांसपेशियों में इंजेक्शन की मदद से नहीं बल्कि नाक के ज़रिए दिया जाएगा। इस तरह के दवा सीधे श्वसन पथ पर पहुंच जाएगी। वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है।

इस वक्त इंजेक्शन की मदद से जो वैक्सीन वायरस से लड़ने के लिए लगाई जा रही है, वो काफी हद तक कुशल साबित हो रही है। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि शॉट्स की तुलना नाक के माध्यम से दी जा रही वैक्सीन्स बेहतर बचाव करने में सक्षम होगी।

नेज़ल वैक्सीन कैसे काम करती है?

हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि कोरोना वायरस ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण है, जो म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। जो कोशिकाओं और अणुओं के लिए एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने में मदद करता है। इंजेक्शन के ज़रिए मांसपेशियों में लगाई गई वैक्सीन सीधे तौर पर इम्यून सेल्स पर काम नहीं करती हैं। वहीं, नेज़ल वैक्सीन शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर सीधे काम कर सकता है। श्वसन मार्ग और एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं जो COVID-19 के खिलाफ काम करते हैं। इसे कम समय में लोगों को प्रतिरक्षित करने के लिए भी प्रभावी माना जाता है।

कुछ शोध यह भी बताते हैं कि नाक के ज़रिए वैक्सीन प्राकृतिक प्रतिरक्षा के समान है, जो बेहतर तरीके से सुरक्षा दे सकती है।

क्या डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ नेज़ल वैक्सीन ज़्यादा कारगर साबित होगी?

डेल्टा वैरिएंट को वायरस के मूल स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक माना जाता है, जो गंभीर लक्षण भी पैदा करता है। ऐसे में मौजूदा वैक्सीन को ऐसे वैरिएंट पर कम प्रभावी माना जाता है। इसलिए, फार्मास्युटिकल कंपनियां शक्तिशाली बूस्टर शॉट्स लेकर आ रही हैं जो डेल्टा वेरिएंट पर बेहतर काम कर सकती हैं।

दूसरी ओर ऐसा माना जा रहा है कि नाक के टीके वैरिएंट पर बेहतर काम करते हैं, क्योंकि वे बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे एक अद्वितीय प्रकार की प्रतिरक्षा विकसित करते हैं, जो इंट्रामस्क्युलर खुराक के मामले में नहीं देखी जाती है। इसके अलावा, यह दवा ज़्यादा प्रभावी है, क्योंकि ये वैक्सीन को सीधे श्वसन मार्ग में पहुंचाने में मदद करती है। इंट्रानैसल वैक्सीन भी कम परेशानी पैदा कर सकती है। यह खासतौर पर छोटे बच्चों, उम्रदराज़ लोगों, एचआईवी के मरीज़ों और एक साथ कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए ज़्यादा मददगार साबित हो सकती है।

भारत में कब आएगी नेज़ल वैक्सीन?

नेज़ल वैक्सीन को सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है, जिसमें कोविड-19 भी शामिल है। हालांकि, आम लोगों तक इसे पहुंचने में अभी कुछ समय लगेगा। इस वक्त दुनियाभर में कुछ कंपनियां हैं, जो नेज़ल वैक्सीन पर काम कर रही हैं। कुछ परीक्षण के चरण में पहुंच गए हैं, जबकि अन्य अभी भी परीक्षण के लिए अनुमति का इंतज़ार कर रहे हैं।

भारत में, भारत बायोटेक नेज़ल वैक्सीन के ट्रायल पर काम कर रहा है। यह फार्मासूटकल कंपनी पिछले साल से ही इस वैक्सीन पर काम कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी को हाल ही में पहले चरण के कामयाब होने पर ट्रायल के दूसरे चरण की अनुमति मिली है।


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