COPD vs Asthma: अस्थमा से कैसे अलग है COPD? क्या इससे बचाव संभव है?
COPD vs Asthma सीओपीडी क्रॉनिक मोर्बिडीटी और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है और दुनिया भर में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। COPD दुनिया में मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। इसके प्रसार और मृत्यु दर में वृद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है।
नई दिल्ली, रूही परवेज़। COPD vs Asthma: ब्रॉनकायल अस्थमा और सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग हैं, जिससे पूरी दुनिया में लाखों लोग प्रभावित हैं। अस्थमा एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिसके अनुमानित रूप से 30 मिलियन लोग प्रभावित हैं। सीओपीडी क्रॉनिक मोर्बिडीटी और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है और दुनिया भर में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। सीओपीडी दुनिया में मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है और इसके प्रसार और मृत्यु दर में वृद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है।
COPD का कारण क्या है?
मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल्स में पल्मोनोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. हरीष चाफले का कहना है, हालांकि अस्थमा और सीओपीडी में कई समानताएं हैं, लेकिन इनमें कई अंतर भी हैं। वे एटिओलॉजी, लक्षण, वायुमार्ग की सूजन के प्रकार, सूजी हुई कोशिकाओं, मध्यस्थों, सूजन के परिणाम, चिकित्सा के प्रति प्रतिक्रिया, कोर्स में अंतर के साथ दो अलग-अलग बीमारियां हैं। अस्थमा वायुमार्ग का एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी डिसऑर्डर है। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन वायुमार्ग की अतिसक्रियता से जुड़ी होती है जिससे घरघराहट, सांस फूलना, सीने में जकड़न और लगातार खांसी होती है, विशेष रूप से रात में या सुबह-सुबह।
हालांकि, सीओपीडी का प्राकृतिक इतिहास परिवर्तनशील है और सभी लोग एक तरह के परेशानी से नहीं गुज़रते। सीओपीडी आमतौर पर एक प्रगतिशील बीमारी है, खासकर अगर रोगी का हानिकारक एजेंटों के संपर्क में रहना जारी रहता है। यह पुरानी वायु प्रवाह सीमा और फेफड़े में रोग संबंधी परिवर्तनों की एक श्रृंखला है, कुछ महत्वपूर्ण अतिरिक्त-पलमनरी प्रभाव और महत्वपूर्ण सह-रुग्णता की विशेषता है जो व्यक्तिगत रोगी में बीमारी को गंभीर बना सकता है।
सीओपीडी में धूम्रपान सबसे आम कारण देखा गया है, हालांकि कई देशों में, लकड़ी और अन्य बायोमास ईंधन के जलने से होने वाला वायु प्रदूषण भी सीओपीडी का कारण बनता है। ऐसे कारण जो अस्थमा के जोखिम को बढ़ावा देते हैं, उन्हें दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। एक वे कारण जो अस्थमा के बढ़ने की वजह बनते हैं और दूसरे वे जो अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं, कुछ दोनों करते हैं। पहले में होस्ट फॅक्टर्स शामिल हैं (जो मुख्य रूप से अनुवांशिक हैं) और दूसरे आमतौर पर पर्यावरणीय कारक हैं।
क्या COPD को नियंत्रित रखा जा सकता है?
मुंबई के मसीना हॉस्पिटल में कंसल्टेंट चेस्ट फिज़िशियन - पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. संकेत जैन, ने कहा कि सीओपीडी एक सामान्य, रोके जाने योग्य और उपचार योग्य बीमारी है जिसका पता पर्सिस्टेंस रेस्पिरेटरी सिम्पटम्स और एयर फ्लो लिमिटेशन द्वारा चलता है। यह एयरवे और / या एल्विओलर असामान्यता के कारण होती है, जो आमतौर पर हानिकारक कणों या गैसों के संपर्क में आने के कारण होती है और असामान्य फेफड़ों के विकास सहित होस्ट फैक्टर्स से प्रभावित होती है। इस्केमिक हृदय रोग के बाद, सीओपीडी भारत में बीमारी के बोझ का दूसरा प्रमुख कारण है। सीओपीडी और अस्थमा के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं। सीओपीडी और अस्थमा के बीच के अंतर को चिकित्सकीय रूप से निदान करना बहुत मुश्किल है। स्पिरोमेट्री की उपलब्धता से सीओपीडी और अस्थमा में अंतर करना संभव हो गया है। कोविड-19 महामारी के दौरान, यह देखा गया कि सीओपीडी की तीव्रता में वृद्धि हुई थी। सीओपीडी के रोगी अपने चिकित्सा प्रबंधन जैसे प्रिस्क्राइब किए गए इनहेलर, अच्छा प्रोटीनयुक्त आहार, धूम्रपान बंद करना, चिकित्सक की सलाह के अनुसार न्यूमोकोकल और फ्लू के टीके लेकर अच्छी तरह से जीवित रह सकते हैं। जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्पाइरो बॉल और ब्रीदिंग एक्सरसाइज काफी मददगार है। सीओपीडी एक रोकथाम योग्य और उपचार योग्य बीमारी है। आधुनिक प्रबंधन और रोकथाम की उपलब्धता से सीओपीडी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।