Corona Virus : कोरोना वायरस से बचाएगी 3 हजार साल पुरानी दवा, चीन में इस्तेमाल शुरू
Corona Virus पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में 70000 से अधिक लोग आ चुके हैं। जबकि 1665 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली, लाइफ स्टाइल डेस्क। Corona Virus : दुनिया भर में लोगों की जान का खतरा बने कोरोना वायरस से निपटने के लिए दवा खोजने का दावा किया जा रहा है। चीन में 3 हजार साल पुरानी पारंपरिक चिकित्सा विधि से तैयार दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा है। पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में 70,000 से अधिक लोग आ चुके हैं। जबकि, 1,665 लोगों की मौत हो चुकी है।
पारंपरिक चिकित्सा विधि से इलाज शुरू
इस बीच चीन के हुबेई प्रांत में स्वास्थ्य आयोग के प्रमुख वांग हेशेंग ने कहा कि संक्रमित लोगों पर पारंपरिक चिकित्सा विधि और आधुनिक दवा दोनों विधि के तहत इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने वुहान अस्पताल में भर्ती आधे से अधिक संक्रमित मरीजों का ईलाज पारंपरिक चिकित्सा विधि के द्वारा किया है। इसका परिणाम बेहतर मिला है। इससे मरीजों का ईलाज करने में हम कामयाब हो रहे हैं। हमने 2200 टीसीएम विशेषज्ञों को अनुसंधान और उपचार के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में भेजा है।
हुबेई प्रान्त में मिली सफलता
इसके आगे उन्होंने कहा कि हमारी मेहनत रंग लाई। इसलिए हुबेई प्रान्त वायरस के संक्रमण से ब्लैक लिस्ट से बाहर आ गया है। इससे पहले हुबेई में डॉक्टर्स और दवा की कमी थी। इससे कुछ लोगों की मौत हो गयी। लेकिन हम पारंपरिक चिकित्सा विधि दवा से इस पर काबू पाने में कामयाब हुए हैं।
इसके लिए हुबई प्रान्त में संक्रमित 15 हज़ार से अधिक मरीजों पर चीन की 3000 साल पुरानी पारंपरिक चिकित्सा विधि का प्रयोग किया। इससे मरीजों में सुधार हुआ और इस परिणाम को देखते हुए चीन के सभी प्रांतों में इस विधि को अपनाने का फैसला लिया है।
सरकार और लोगों में उत्साह का संचार
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया में दहशत है। खासकर, चीन में इस संक्रमण से ज्यादा जान-माल की क्षति हुई है। इस मामले में चीन सरकार ने अनियमितता बरतने के लिए कई शीर्ष अधिकारीयों को बर्खास्त कर दिया है। अब चीन के हुबई प्रान्त में पारंपरिक चिकित्सा विधि के सफल परीक्षण से सरकार और लोगों में उत्साह का संचार हुआ है।
वैसे नोवेल कोरोना वायरस का फ़िलहाल कोई दवा और वैक्सीन नहीं है। इसलिए मरीजों के सफल इलाज में परेशानी आ रही है।अगर चीन पारंपरिक चिकित्सा विधि से ईलाज करने में कामयाब हो जाता है तो जल्द ही नोवेल कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाएगा।